भारतीय सेना के लिए सरकार की नई योजना, कॉन्ट्रेक्ट पर हायर किए जाएंगे दिग्गज
भारतीय सेना के लिए सरकार की नई योजना, कॉन्ट्रेक्ट पर हायर किए जाएंगे दिग्गज
Share:

नई दिल्ली: भारतीय सेना इस समय परिवर्तन के दौर से गुजर रही है, ये परिवर्तन सेना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए किया जा रहा है। अब केंद्र सरकार, सेना में मैनपावर ऑप्टीमाइजेशन के लिए कॉन्ट्रेक्ट पर दिग्गजों की हायरिंग, क्रॉस-स्किलिंग टेक्निकल ट्रेड और अपनी स्टेटिक यूनिट्स में सर्विसेज की आउटसोर्सिंग करने की योजना बना रही है। एक रक्षा अधिकारी के अनुसार, इस योजना को अगले पांच वर्षों तक लागू किया जाना है, जिसका खासतौर पर उद्देश्य सेनाओं की बुनियादी समस्याओं को कम करना है।

अधिकारी ने जानकारी दी है कि इस योजना पर काम जारी है और सेना के सभी विंग को अपना राइटसाजिंग प्लान पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि तीनों सेनाओं में कुल मैनपावर 12.8 लाख सुरक्षाबलों की है, जो कि कम है। कोरोना महामारी के कारण दो वर्षों तक सेना में कोई नई भर्ती नहीं हुई, जिससे मौजूदा वक़्त में 1।.25 लाख सुरक्षाबलों की कमी है। हालांकि, इस बीच अग्निपथ योजना के तहत 40 हजार भर्तियां निकली थी, जो कि चार वर्षों का कॉन्ट्रेक्ट माना जा सकता है – इससे वार्षिक रिटायर होने वाले 60,000 बलों की पूर्ति करना कठिन है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया है कि कैटगरी ए ट्रेनिंग संस्थानों में दिग्गजों और एक्सपर्ट की कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर भर्ती की जाएगी, जो नए रिक्रूट होने वाले सुरक्षाबलों को प्रशिक्षण देंगे। बता दें कि, कैटगरी ए ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी, आर्मी वॉर कॉलेज, महू में इन्फेंट्री स्कूल और अन्य शामिल हैं। वहीं, कैटगरी बी ट्रेनिंग संस्थानों में कई रेजिमेंट सेंटर आते हैं। अधिकारी ने जानकारी दी है कि यह भी विचार किया जा रहा है कि, NCC ट्रेनिंग को भी कॉन्ट्रेक्चुअल दिग्गजों को सौंपा जाए या नहीं।

सरल शब्दों में कहें, तो यह केंद्र सरकार की सेना में स्थायी रोजगार कम करने की योजना है। वरिष्ठ रक्षा अधिकारी का कहना है कि हथियारों के ऑटोमेशन पर जोर देने से बंदूकों और टैंकों को चलाने वाले कर्मियों की आवश्यकता कम हो सकती है, जिससे आर्टिलरी और बख्तरबंद कोर के रेजिमेंट में मैनपावर को घटाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, कई इक्वीपमेंट्स पुराने हो जाने के कारण उसे इस्तेमाल करने वाले कर्मियों में कमी आएगी। यह भी देखा गया है कि फॉर्वर्ड क्षेत्रों में सड़क और अन्य निर्माण कार्यों के लिए कॉम्बेट इंजीनियर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि अब सिविल कंपनियों का उपयोग बढ़ रहा है।

बंगाल में वंदे भारत ट्रेन पर फिर पथराव, एक हफ्ते के अंदर तीसरी घटना

भूकंप के झटकों से थर्राई जम्मू कश्मीर की धरती, लोगों में दहशत

क्या है प्रवासी भारतीय दिवस मनाए जाने का उद्देश्य ?

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -