मुंबई : केंद्र सरकार ने जनवरी माह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा पर होने वाले खर्च के ब्यौरे की जानकारी देने संबंधी जानकारी सार्वजनिक किए जाने को लेकर इंकार कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ सकता है। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में इस मामले को लेकर सूचना के अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा जानकारी मांगी गई थी।
जिसे लेकर केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने तर्क दिया कि ऐसा करना भार और अमेरिका के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है दूसरी ओर जो सवाल ओबामा की सुरक्षा को लेकर किए गए हैं उनका जवाब देना भी उचित नहीं है। मामले में सरकार द्वारा अनिल द्वारा कहा गया कि भाजपा सत्ता में आने के बाद पारदर्शिता और जवाबदेही से बच रही है। यही नहीं सरकार ऐसी सूचनाओं को जनता तक खुद ही पहुंचाती है तो आरटीआई के माध्यम से इसे पूछे जाने का सवाल ही उठता नहीं है।
हालांकि आरटीआई दायर करने वाले अनिल ने कहा कि सरकार अपनी मेहनत से कमाकर सरकार को पैसा विभिन्न माध्यमों से प्रदान करती है उसे यह बताना चाहिए कि आखिर उसके पैसे का क्या उपयोग हो रहा है। दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के डेपुटी चीफ प्रोटोकाॅल आॅफिॅसर रोहित रतीश ने कहा कि समय - समय पर विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मंडल भेंट करते हैं और यह बेहद महत्वपूर्ण होती है, उन्हें बताया गया कि ऐसे मामलों में खर्चे को सार्वजनिक करना भारत के अन्य देशों से रिश्तों पर असर डाल सकता है।