रांची. जहां सोच वहां शौचालय, पुरे देश में इस अभियान को फैलाया गया किन्तु अब भी राज्य झारखण्ड में एक जिला शौच मुक्त नहीं हो पाया है. ऐसे हालात में लड़कियों को शौच जाने के लिए अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है. बता दे कि यह मामला झारखंड के गुमला जिले का है जहां पर पालकोट प्रखंड के एक गांव में शौचालय नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के लोग बहुत गरीब हैं और उन्होंने राज्य सरकार से मांग भी की थी कि उनके गांव में शौचालय बनवाए जाए. जब इस बारे में लड़कियों से बात की गई तब पता चला की गांव में ऐसा एक भी घर नहीं जहां शौचालय हो. हमने सरकार को अपनी परेशानी बताते हुए गांव में शौचालय बनवाने के लिए कहा था. किसी के पास यहां इतना पैसा नहीं है जो स्वयं अपने घर में शौचालय बनवा सके. लड़कियों ने बताया कि काफी समय से गांव में शौचालय बनने की बाते सुनने को मिल रही है मगर अब तक निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हो पाया.
यह भी बता दे कि झारखंड की राजधानी रांची से सटे जिले खूंटी के गनालोया गांव की दो बहनों ने देशभर में मिसाल कायम की है. इन दोनों बहनों ने छात्रवृति से मिले पैसे से घर में शौचालय बना लिया, इस काम में न तो सरकार से उन्हें कोई मदद मिली. बता दे कि इस काम में न तो उनके पिता ने आर्थिक रूप से न श्रमदान दे कर दोनों बेटियों की मदद नहीं की. अब उन्हें राहत है कि शौच जाने के लिए शाम ढलने का इंतजार नहीं करना पड़ता.
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