नई दिल्ली : इशरत जहां मामले में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै ने एक रचनात्मक मोड़ ला दिया है। उन्होने कहा है कि पूर्व वित मंत्री पी चिदंबरम ने ही इशरत से जुड़े हलफनामे में बदलाव कराया था, क्यों कि उन्हीं के पास इसका अधिकार था। इससे पहले चिदंबरम ने दूसरे हलफनामे का समर्थन करते हुए कहा कि दूसरा हलफनामा इसलिए दायर किया गया था क्योंकि पहला हलफनामा अस्पष्ट था। इससे पहले पिल्लै ने आरोप तो लगाया था, लेकिन किसी के भी नाम का जिक्र नहीं किया था।
पिल्लै ने कहा था कि दूसरा हलफनामा राजनीति से प्रेरित था। पिछली सरकार में गृह सचिव रहे पिल्लै के बयान का कांग्रेस ने विरोध किया था। पिल्लै के अनुसार, चिदंबरम ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले की फाइल एक माह बाद दोबारा मंगाई थी। पिल्लै के मुताबिक पहले हलफनामे में जो जानकारी दी गई थी, उसमें इशरत व उशके साथियों को लश्कर का आतंकी बताया गया था।
इसके बाद पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने दूसरे हलफनामे में संशोधन के बाद उनके पास भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि मुठभेड में मारे गए चारो लोग आतंकी है या नहीं इस बारे में कोई निर्णायक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।