अंबाला : पठानकोट में एयरफोर्स के बेस स्टेशन पर किए गए आतंकी हमले को लेकर आतंकरोधी कार्रवाई में लगे गरूड़ कमांडो गुरसेवक सिंह आतंकियों का सामना करते हुए घायल हो गए। घायल गुरसेवक सिंह ने देश को याद करते हुए अपनी अंतिम सांसे लीं। शहीद गुरसेवक को अंतिम विदाई देने के लिए उनके परिजन, सेना के अधिकारी, जवान और बड़े पैमाने पर नेता, मंत्री और आमजन एकत्रित हुए। आमलोगों के दर्शनों के बाद गरूड़ कमांडो गुरसेवक सिंह का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनका गांव अंबाला के पास स्थित है। उनकी अंत्येष्टि में राज्य के मंत्री भी शामिल हुए।
सेना के जवानों और अधिकारियों ने शहीद को सम्मान दिया। फायर किए गए और शोक के तौर पर सैनिकों ने मौन श्रद्धांजलि भी दी। एयरफोर्स का बिगुल भी उनकी शहादत के सम्मान में बजाया गया। गुरसेवक सिंह एयरफोर्स की क्विक रिस्पाॅन्स टीम में भी थे। आतंकी हमले के बाद दहशतगर्दों से सबसे पहले क्विक रिस्पाॅन्स टीम ने मोर्चा संभाला था। गुरसेवक के अंतिम संस्कार के अवसर पर सेना के जवानों ने हवाई फायरिंग की। इस दौरान जवानों ने उन्हें सलामी भी दी।
सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व अनिल विज पहुंचे। उनकी पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर उनकी पत्नी जसप्रीत कौर ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को काॅल किया था मगर उन्होंने फोन काट दिया था। जिसके बाद उन्होंने मैसेज किया था। जिसमें फोन पर बाद में चर्चा करने की बात कही गई थी। जब उनका फोन नहीं आया और उनके एक दोस्त ने उनकी शहादत को लेकर सोश्यल मीडिया पर जानकारी दी तो उनके मन में सवाल उठा। वे परेशान हो गईं।
जब उनके साथ कार्य करने वाले अधिकारी को आदमपुर में काॅल लगाया तो उन्होंने गुरूसेवक के ड्युटी पर होने और सुरक्षित होने की जानकारी दी। दरअसल गुरूसेवक के पिता सुच्चा सिंह सेना में ही थे। गुरूसेवक का भाई भी सेना में ही है। उनकी यूं विदा हो जाने से परिजन शोकाकुल हैं। गुरसेवक की शादी 18 नवंबर 2015 में ही हुई थी।