शुक्रवार को लोकसभा में आइआइआइटी (संशोधन) विधेयक पेश किया गया. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विधेयक को सदन के पटल पर रखा. इसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचुर में बनने वाले पांच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइआइआइटी) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आइएनआइ) का दर्जा देने का प्रावधान किया गया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस विधेयक के तहत इन पांच आइआइआइटी के अलावा पीपीपी मोड पर तैयार मौजूदा 15 आइआइआइटी को भी आइएनआइ का दर्जा दिया जाएगा. इन संस्थानों को डिग्री देने की अनुमति दी जाएगी. इन सभी आइआइआइटी को अन्य यूनिवर्सिटी की तरह ही बीटेक, एमटेक और पीएचडी की डिग्री देने का अधिकार होगा. इस विधेयक के तहत 2014 व 2017 के प्रिंसिपल एक्ट में संशोधन करने तथा पांचों संस्थानों को वैधानिक दर्जा दिए जाने का भी प्रावधान है.
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वही दूसरी ओर विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि आइआइआइटी में शिक्षा का स्तर उद्योग जगत की मांग के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने विज्ञान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया. बीजद के हरि महताब ने कहा कि इन संस्थानों को ऐसा होना चाहिए जिससे देश में स्टार्टअप की संस्कृति को बढ़ावा मिले.
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