स्पेन में जारी है मौत का खेल, 24 घंटों में 743 हुई मौतें
स्पेन में जारी है मौत का खेल, 24 घंटों में 743 हुई मौतें
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मैड्रिड: दिनों दिन बढ़ता जा रहा कोरोना का प्रकोप आज हर किसी के जीवन के लिए आफत बनता जा रहा है. हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से लाखों की तादाद में लोग संक्रमित पाए गए है. तो दूसरी तरफ अब तक 81 हजार से ज्यादा मौते हो चुकी है, जिसके कारण आज हर एक व्यकित घबराया हुआ है. वहीं  स्पेन में पिछले 24 घंटों में 743 लोगों की मौत हुई है. पांच दिन बाद यह पहला मौका है जब मृतकों की संख्या पूर्ववर्ती दिन के मुकाबले घटने की बजाय बढ़ी है. बीते सोमवार को 637 लोगों की मौत हुई थी. स्पेन में मृतकों की कुल संख्या 13,798 हो गई है. एक सप्ताह पहले के मुकाबले मृत्यु दर अब 5.7 फीसद की दर से बढ़ रही है.

संक्रमित लोगों की तादाद 1,40,510 हो गई है. यूरोप में यह संख्या सर्वाधिक है. दुनिया की बात करें तो सबसे ज्यादा अमेरिका में साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. महामारी की सबसे ज्यादा मार बुजुर्गो के केयर होम पर पड़ी है. देश में होने वाली एक तिहाई मौतें इन्हीं केयर होम से जुड़ी हैं. स्पेन की सरकार ने संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर टेस्ट करने का फैसला किया है. इसी कदम के तहत 62,000 लोगों का 21 दिनों में दो बार टेस्ट किया जाएगा, जिससे यह पता लगाया जा सके उनमें संक्रमण कहीं रह तो नहीं गया है. उधर, महामारी के बीच सरकार लॉकडाउन में कुछ छूट देने की योजना पर भी काम कर रही है, लेकिन इसका एलान नहीं किया गया है. जर्मनी के फोक्सवैगन की स्पेन यूनिट ने कहा है कि वह दो सप्ताह में अपनी फैक्ट्री में कामकाज शुरू कर देगी.

जर्मनी में एप पर स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े साझा करने की गुजारिश: जर्मनी के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने मंगलवार को लोगों से स्मार्ट वॉच और फिटनेस बैंड के माध्यम से अपने स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े साझा करने का आग्रह किया है. दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण पर नजर रखने के लिए राबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने 'कोरोना डाटा डोनेशन' नामक एक एप बनाया है. इस एप पर लोग बिना अपनी पहचान साबित किए स्वेच्छा से जानकारी साझा कर सकेंगे. इस एप पर व्यक्ति को पोस्टकोड, उम्र और अपना वजन डालना होगा, जिसके बाद यह एप व्यक्ति की गतिविधि, नींद, तापमान के साथ ही शरीर में होने वाले बदलाव पर नजर रखेगा. इस एप से यह अनुमान लगाना आसान होगा कि कहां और कितनी तेजी से कोरोना फैल रहा है. इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा कि इस एप को एक निजी कंपनी के साथ मिलकर डेवलप किया गया है, लेकिन यह कोरोना टेस्ट का विकल्प नहीं हो सकता है.

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