मार्क जुकरबर्ग ने डेटा संग्रह को लेकर भारत की मांग को कहा जोखिमपूर्ण , जानिए क्यों
मार्क जुकरबर्ग ने डेटा संग्रह को लेकर भारत की मांग को कहा जोखिमपूर्ण , जानिए क्यों
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भारत की डेटा को स्थानीय स्तर पर संग्रहित करने की मांग को लेकर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपना बयान जारी करते हुए समझाइश दी की, लेकिन यदि एक देश के लिए ऐसा किया गया तो अधिनायकवादी देशों की ओर से भी इसकी मांग की जा सकती है.उनका कहना है कि ऐसे देश अपने नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं.इतिहासकार व लेखक युवल नोआ हरारी से शुक्रवार को बातचीत में जुकरबर्ग ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि स्थानीय रूप से डेटा संग्रह के पीछे मकसद व इरादा क्या है. साथ ही उन्होने यह बयान भी दिया है.

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एक सवाल के जवाब में जुकरबर्ग ने कहा, 'मुझे लगता है कि मंशा महत्व रखती है और निस्संदेह हममें से कोई भी भारत को अधिनायकवादी देश नहीं मानता है.'उनसे पूछा गया था कि क्यों भारतीय नागरिकों का डेटा अमेरिका में संग्रहित करना सुरक्षित है और भारत में नहीं, जबकि वे खुलेआम कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ अपनी चिंता है.

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मार्क ने 'डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा रुख खतरे को लेकर है, क्योंकि अगर किसी बड़े देश में हमें ब्लॉक किया जाता है तो इससे हमारे समुदाय और हमारे कारोबार पर असर पड़ेगा. लेकिन डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा सिद्धांत नया नहीं है, बल्कि इसको लेकर हमेशा खतरा रहा है.'भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देश के अनुसार, गूगल पे, व्हाट्सएप व अन्य जैसे सभी डिजिटल भुगतान कंपनियों को अपने कारोबार के लिए स्थानीय रूप से डेटा का संग्रह अवश्य  करना चाहिए.

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