स्वच्छ भारत मिशन: खुले में शौच से मुक्त हुआ पूरा जम्मू कश्मीर, 370 हटने के बाद बहुत बदल गई तस्वीर
स्वच्छ भारत मिशन: खुले में शौच से मुक्त हुआ पूरा जम्मू कश्मीर, 370 हटने के बाद बहुत बदल गई तस्वीर
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श्रीनगर: अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर में विकास की रफ़्तार बढ़ती नज़र आ रही है। यहाँ नए उद्योग, व्यवसायों की शुरुआत हुई है, वहीं पर्यटकों की तादाद में भी वृद्धि हुई है, जिससे घाटी के लोगों को रोज़गार मिला है, जो पहले कई सदियों से आतंकवाद का दंश झेल रहे थे। अब स्वच्छ भारत मिशन ने भी जम्मू कश्मीर में बड़ी कामयाबी प्राप्त की है। अधिकारियों ने आज यानि शनिवार (30 सितंबर) को कहा है कि जम्मू और कश्मीर ने 20 जिलों के 285 ब्लॉकों में अपने सभी 6,650 गांवों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच-मुक्त (ODF) प्लस मॉडल घोषित किया है। अधिकारीयों ने बताया कि यह उपलब्धि प्रत्येक गांव में गंदे पानी और ठोस कचरे का प्रबंधन करके स्वच्छता की दिशा में शौचालयों के निर्माण और उपयोग से भी आगे जाती है।

उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने इस उपलब्धि के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी और कहा कि यह नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी के समन्वित प्रयासों को रेखांकित करता है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-2 के लिए उनके मार्गदर्शन और दृष्टिकोण के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी श्रेय दिया। बता दें कि, ODF प्लस मॉडल का दर्जा हासिल करने के लिए, एक गांव को ODF प्लस के तीन चरणों - एस्पायरिंग, राइजिंग और मॉडल से गुजरना पड़ता है। किसी गांव को ODF प्लस मॉडल तब घोषित किया जाता है, जब उसने कूड़ा-करकट या रुके हुए पानी के बिना स्वच्छ वातावरण हासिल कर लिया हो और ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था हो, जिसमें लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना भी शामिल है।

अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसद ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन करने वाला भारत का पहला राज्य बनने की उपलब्धि हासिल करने के लिए इसके कार्यान्वयन में सभी शेयरधारकों को शामिल करते हुए एक व्यापक योजना बनाई। उन्होंने कहा कि विभाग ने प्रत्येक गांव के लिए ग्राम स्वच्छता संतृप्ति योजना (VSSP) तैयार की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए आवश्यक सुविधाएं हैं। गंदे पानी के प्रबंधन के लिए, जो कि रसोई और बाथरूम से आने वाला पानी है, विभाग ने घरेलू और सामुदायिक दोनों स्तरों पर सोख्ता गड्ढे, जादुई गड्ढे और लीच गड्ढे बनाए। उन्होंने कहा कि विभाग ने गंदे पानी के प्रबंधन के लिए 3,53,631 व्यक्तिगत सोख गड्ढे और 23,781 सामुदायिक सोख गड्ढे का निर्माण किया।

अधिकारी ने कहा कि बायोडिग्रेडेबल कचरे के प्रबंधन के लिए, उन्होंने व्यक्तिगत और सामुदायिक उपयोग दोनों के लिए खाद गड्ढे बनाए। उन्होंने कहा कि विभाग या लोगों ने स्वयं व्यक्तिगत घरों के लिए 1,37,824 खाद गड्ढे और सामुदायिक उपयोग के लिए 12,118 खाद गड्ढे बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे हर ब्लॉक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयां (PWMU) स्थापित कर रहे हैं, जो लगभग पूरा हो चुका है। ये केंद्र प्लास्टिक को साफ करेंगे, टुकड़े-टुकड़े करेंगे और उसके अंतिम निपटान के लिए पैक करेंगे। उन्होंने कहा कि वे पूरे अपशिष्ट जीवन चक्र का ठीक से ख्याल रख रहे हैं। 

अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने के लिए "पिंक टॉयलेट", बिना किसी लैंडफिल के अमरनाथ यात्रा, 'पॉलिथीन दो सोना पाओ' अभियान, समग्र विकास के लिए 'पिंक सोसायटी', सरपंच संवाद, स्वच्छता इंटर्नशिप जैसे कई रचनात्मक अभियान और गतिविधियां की हैं। इन अभियानों के दूसरे चरण के दौरान स्वच्छता प्रश्नोत्तरी और स्वच्छ योद्धा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसके कारण इसके सभी ग्रामीणों को अब ODF प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त हुआ है।

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