ठण्ड के मौसम में पित्त बढ़ जाता है इसलिए हमें ऐसी चीजें नहीं खानी चाहिए जिनसे बॉडी में एसिड बने. लहसुन, बैंगन, करेला, सौंफ, काली मिर्च, हींग, सरसों का तेल, उड़द की दाल, कढ़ी वगैरा से परहेज करें. इस मौसम में छाछ-मट्ठे भी परहेज करना चाहिए. आपको ज्यादा गर्म तासीर वाले, कड़वे और चटपटे खाने से थोड़ा बचकर रहना है.
1-इस मौसम में तो खाने पीने को बहुत कुछ है. कोशिश करें ऐसी चीजें खाने की जिनसे पित्त शांत रहे. गेहूं, जौ, ज्वार, मसूर व मूंग की दाल, सेम, गाय का दूध, मक्खन, घी, मलाई, श्रीखंड वगैरा ले सकते हैं.
2-सब्जियों में चौलाई, बथुआ, लौकी, तोरी, पालक, परवल, सोया, फूलगोभी, कुंदरू को शौक से बनायें और खायें. इसी तरह से फलों में आप सेब, अनार, केला, आंवला, मुनक्का, सिंघाड़ा वगैरा खा सकते हैं.
3-सुबह के वक्त खीर खाना अच्छा रहता है. घी भी खाना चाहिए क्योंकि घी में पित्त को शांत करने की काबलियत होती है. हरड़ का इस्तेमाल भी इस मौसम में बहुत अच्छा माना जाता है.
4-आप हरड़ को शहद या गुड़ या मिश्री के साथ खा सकते हैं. पुरानी किताबें कहती हैं कि इस मौसम में रात के वक्त चांदनी में रखा गये पानी में अमृत के गुण आ जाते हैं. इस पानी को हंसोदक या अंशदूक कहते हैं. इस पानी को पीने से बहुत फायदा होता है.
5-इस मौसम में रात को हल्का खाना ही खाना चाहिए.