एक और आईपीएस केंद्र में नियुक्ति को आतुर
एक और आईपीएस केंद्र में नियुक्ति को आतुर
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मुंबई : भारत में जिस तरह से ईमानदार व्यक्तियों को परेशान किया जाता है उतना शायद ही किसी और देश में हों। ताजा जानकारी के अनुसार जिस तरह आईएएस अशोक खेमका और आएफएस संजीव चतुर्वेदी तबादलों से परेशान होने के बाद केंद्र में नियुक्त हो गए थे। उसी प्रकार एक आईपीएस ने केंद्र में नियुक्ति के लिए सरकार को पत्र लिखा है। सुत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के वरिष्ठ आईपीएस संजय पांडे ने केंद्र में नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) के सीईओ पद के लिए आवेदन किया है। संजय अभी वर्तमान में होम गार्ड में डिप्टी कमांडेंट और सिविल डिफेंस में डिप्टी डायरेक्टर हैं। पांडे द्वारा 27 नवंबर को गृह मंत्रालय के निदेशक को पत्र लिखा गया हैं। उन्होंने इस पत्र की एक काॅपी राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी भेजी है। संजय पांडे बार -बार हो रहे तबादलों से काफी परेशान हो गए थे तब जाकर उन्होंने ये निर्णय लिया।

आईपीएस संजय पांडे एक बेहद ही ईमानदार और कर्तव्यपरायण छवि के लिए जाने जाते हैं वे 1986 की बैच में थे। जब मुंबई में 1993 में दंगे हुए थे तब उन्होंने उन दंगो को नियंत्रित करने के लिए काफी काबिल-ए-तारीफ काम किया था , जिस पर उन्हें श्रीकृष्ण आयोग और एमनेस्टी इंटरनेशनल की तरफ से काफी मान- सम्मान प्राप्त हुआ था। संजय पांडे की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके 15 साल के केरियर में उनके 14 तबादले हो चुके है और इनमें से तीन तबादले पिछले एक साल में ही हुए है। संजय पांडे ने कहा कि देश में ईमानदारी से काम करना बेहद मुश्किल है।

संजय पांडे पांडे की जिंदगी का सफर भी काफी दिलचस्प रहा है वे होम गार्डस में तैनाती से पहले महाराष्ट्र के लीगल मेट्रोलाॅजी विभाग के नियंत्रक के तौर पर काम कर चुके थें। उन्होंने इसी साल संगठन को और मजबूत बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए थे। उनके तबादले के बाद उनका पद अभी रिक्त हैं। इसके अलावा तीन अक्टुबर को सजा के तौर पर उनका तबादल होम गार्डस में कर दिया गया। यहां वे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को रिपोर्ट करतें हैं, जो अब उनके विभाग के प्रमुख हैं। संजय सेबी में भी काम कर चुके हैं। संजय ने अपने सभी डिपार्टमेंट में बेहद ईमानदारी के साथ काम किया हैं।

संजय पांडे पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा की में केंद्र में अपनी सेवाए और बेहतर तरीके से दे सकता हूँ क्योंकी वहां मुझे काफी बेहतर साधन उपलब्ध रहेंगे। लेकिन जब मिडिया द्वारा उनसे पुछा गया की क्या बार-बार तबादलोें से तंग आकर वे ऐसा कर रहें हैं तो उन्होेंने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा और बात को टाल दिया। लेकिन उनके सहयोंगियों की इस बार में अलग-अलग राय हैं।

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