'एग्जाम में नहीं लगेगी हिजाब पहनने वाली टीचर्स की ड्यूटी..', कर्नाटक सरकार का आदेश जारी
'एग्जाम में नहीं लगेगी हिजाब पहनने वाली टीचर्स की ड्यूटी..', कर्नाटक सरकार का आदेश जारी
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बैंगलोर: कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने हिजाब पहनने वाले स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों पर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब इन टीचर्स को सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SSLC) और प्री यूनिवर्सिटी (PU) में एग्जाम में ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। प्राइमरी और सेकंडरी एजुकेशन मंत्री बीसी नागेश ने मीडिया को बताया है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं होगा।

बीसी नागेश ने आगे कहा कि, 'एग्जाम हॉल के भीतर छात्रों को हिजाब पहनने की इजाजत नहीं है, इसलिए नैतिक रूप से हम शिक्षकों को विवश नहीं कर रहे हैं। ऐसे में हमने हिजाब पहनने पर जोर दे रहे शिक्षकों को एग्जाम ड्यूटी से हटाने का निर्णय लिया है।' मैसूर स्थित सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा है कि, 'यदि पीयू परीक्षा में निरीक्षकों की कमी होती है तो हम हाई स्कूल के शिक्षकों को भी बुला सकते हैं।' बेंगलुरू यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर और एकैडमियन एमएस थीमाप्पा ने सरकार के आदेश को तार्किक बताते हुए कहा कि हम स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए अलग-अलग रवैया नहीं अपना सकते हैं। पूर्व VC ने सुझाव दिया कि इस विवाद का एकमात्र हल यूनिफॉर्म कॉन्सेप्ट को ख़त्म करना है। उन्होंने कहा कि, 'मुझे ऐसा लगता है कि ड्रेस कोड समानता की भावना लाता है, जबकि यह मानसिकता और दृष्टिकोण है, जो समानता की अवधारणा का निर्माण करते हैं। यूनिफॉर्म को हटाना कट्टरपंथी हो सकता है, मगर यह विवाद का सबसे अच्छा समाधान होगा।'

बता दें कि इन दिनों कर्नाटक में SSLC परीक्षा जारी है और अप्रैल के मध्य में समाप्त होगी। वहीं, पीयू एग्जाम इस महीने के आखिर में शुरू होंगे। पिछले सप्ताह मैसूर जिले में हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी एक शिक्षिका को एग्जाम ड्यूटी से हटा दिया गया था। विवाद बढ़ता देख सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों की SSLC और पीयू परीक्षा के लिए ड्यूटी लगाई गई है। बता दें कि बीते दिनों कर्नाटक के गडग जिले में सात शिक्षकों को SSLC परीक्षा में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत देने के चलते निलंबित कर दिया गया था। परीक्षा गडग के सीएस पाटिल बॉयज हाई स्कूल और सीएस पाटिल गर्ल्स हाई स्कूल में चल रही थीं, जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया था, उनमें एसयू होक्कलड, एसएम पत्तर, एसजी गोडके, एसएस गुजामगड़ी और वीएन किवूदार, केबी भजंत्री और बीएस होनागुडी का नाम शामिल था।

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