CM शिवराज की योजनाओं की आलोचना करने वाले डॉ. आनंद राय को स्वास्थ्य विभाग ने किया सस्पेंड
CM शिवराज की योजनाओं की आलोचना करने वाले डॉ. आनंद राय को स्वास्थ्य विभाग ने किया सस्पेंड
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भोपाल: मध्य प्रदेश व्यापमं के चर्चित केस में गिरफ्तार डॉ. आनंद राय को स्वास्थ्य विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। राय पर अपने दायित्वों में गंभीर लापरवाही बरतने तथा शासकीय सेवक रहते सरकारी योजना तथा नीतियों की सोशल मीडिया पर आलोचना के चलते सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कार्यवाही की गई है।

वही संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की अपर संचालक सपना एम लोवंशी ने डॉ. आनंद राय को सस्पेंड करने संबंधी आदेश जारी किए। आदेश के मुताबिक, इंदौर के हुकुमचंद अस्पताल में पदस्थ्य डॉ. राय का निलंबन के पश्चात् मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग रहेगा। निलंबन काल में डॉ. राय को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। आदेश में लिखा है कि डॉ. राय सीनियर अफसरों के मुआयने के चलते 29 मार्च को अपने दफ्तर में मौजूद नहीं थे, जबकि रजिस्टर में उनकी मौजूदगी दर्ज थी। वहीं, राय के 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच केवल 18 दिन ही दफ्तर में मौजूद रहे। शेष दिन उनके द्वारा अवकाश के लिए भी आवेदन नहीं दिया गया।  
 
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, तहकीकात में यह भी सामने आया कि डॉ. राय के 29 मार्च को लघुकृत अवकाश आवेदन सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक इंदौर को प्रस्तुत किया गया था। जिस पर उनको मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए थे, मगर डॉ. राय मेडिकल बोर्ड के समक्ष भी पेश नहीं हुए। आदेश में राय की 29 मार्च को की सोशल मीडिया पोस्ट का भी जिक्र किया गया है। जिसमें राय ने लिखा है कि प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अफसर मुकेश सिंह को सीएम शिवराज सिंह चौहान खास रूप से केवल मेरी पत्नी डॉ. गौरी राय के कर्तव्य स्थल सिविल डिस्पेंसरी रेडियो कॉलोनी भेजा। इतनी दूर से यह भैया जी इंदौर में कार्यरत 400 चिकित्सकों में से सिर्फ हम दो लोगों की जांच की। इसे बोलते है खिसियानी बिल्ली खम्बा नोंचे, इन अफसरों को यदि यह लग रहा है कि बीजेपी आजीवन मध्य प्रदेश में सत्ता में रहेगी तो यह गलतफहमी में हैं, इन जैसे अफसरों का क्या होगा जब राज्य का निजाम बदल जाएगा, हुकूमत बदल जाएगी कम से कम अपना जमीर जिंदा रखो। यहीं नहीं निलंबन आदेश में राय पर सीएम शिवराज सिंह चलाई जा रही ‘सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना ने बढ़ाया दिव्यांगों का आत्मविश्वास’ अपर अमर्यादित टिप्पणी करने की भी बात कही गई है। इसके अतिरिक्त राय पर थानों में दर्ज प्रकरण की जानकारी विभागीय कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराने का भी अपराधी बताया गया है।

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