भिलाई: सामान्यतः देखा गया है कि बच्चों को जहां छह से सात महीने में दांत अाना शुरू होते है. लेकिन ईश्वर ने वंश को जन्म के समय से ही दो दांत दिए है. नेहरू नगर निवासी विजया और शैलेष बोरकर के घर जन्मे वंश के दाँतो को देखकर हर कोई अचम्भे में पड़ गया है. माता-पिता मंगलवार को वंश को चेकअप के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला ले कर गए. वंश के दाँतो ने डॉक्टर को भी हैरानी में डाल दिया. शिशु रोग विशेेषज्ञ डॉ. कमलेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि उनके करियर में ऐसा केस उन्होंने पहली बार देखा है. जहा नवजात शिशु के दांत हो. प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में भी ऐसा मामला पहले देखने को नहीं मिला है. जन्म से होने वाले इन दांतों को नेटल टीथ के नाम से जाना जाता है. ऐसा केस तीस हजार में से किसी एक बच्चे में देखा जाता है. मेडिकल साइंस में नेटल टीथ आज भी शोध का एक प्रमुख विषय बना हुआ है.
जाने क्या है नेटल टीथ
मां के गर्भ में जब भूर्ण का विकास होता है तो उस समय भिन्न भिन्न चरण में बच्चों के अंगों का भी विकास होता है. दंत रोग विशेषज्ञ डॉ.एसके दास रॉय ने इस बारे में जानकारी दी कि डेंटल लेमिना से दांत निर्मित होता है. कई बार यह डेंटल लेमिना समय से पूर्व ही स्त्रावित होने लगता है जिसका परिणाम मसूड़ों की उपरी भाग में दांत जैसे उभार के रूप में देखा जाता है. बाद में यही नेटल टीथ का रूप ग्रहण कर लेता है. जन्मजात दांतों को नेटल या फिर फिटज टिथ नाम से जाना जाता है.