आज दिवाली पर क्या है शुभ मुहूर्त-पूजन सामग्री, पूजा विधि और किन बातों का रखना है ध्यान
आज दिवाली पर क्या है शुभ मुहूर्त-पूजन सामग्री, पूजा विधि और किन बातों का रखना है ध्यान
Share:

कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। आप सभी को बता दें कि इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 यानी आज मनाया जा रहा है। जी हाँ और दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे और 14 वर्ष का वनवास पूरा कर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में लोगों ने पूरे अयोध्या को दीयों से सजाया था। तभी से पूरे देश में दीपावली मनाई जाती है। अब हम आपको बताते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, संयोग और पूजा विधि के बारे में।

इंटरनेट पर धमाल मचा रहा है रश्मि देसाई का दिवाली लुक

दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali Laxami Puja Shubh Muhurat)

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 24, 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट से शुरू

अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 25, 2022 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक

प्रदोष काल - शाम 06 बजकर 10 मिनट से शाम 08 बजकर 39 मिनट तक

वृषभ काल - शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक

लक्ष्मी पूजन की सामग्री- दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश, मां सरस्वती और भगवान कुबेर की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दीपक, मां लक्ष्मी के वस्त्र, मां लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान।

पहली दिवाली पार्टी में दिखे अमिताभ बच्चन, अक्षय-अजय ने की पूजा

दिवाली पर इस विधि से करें लक्ष्मी पूजा- सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवी देवताओं की पूजा करें। शाम के समय लक्ष्मी पूजन के दौरान सबसे पहले शुद्धिकरण कर लें। सबसे पहले अपने ऊपर जल छिड़ककर शुद्धिकरण कर लें। इसके बाद सभी सामग्री पर भी जल छिड़क लें। इसके बाद हथेली में तीन बार जल लेकर उसे पी लें और चौथी बार हाथ धो लें । अब चौकी पर स्वास्तिक का चिह्न बनाकर लाल कपड़ा बिछा लें और भगवान गणेश, माता लक्ष्मी , कुबेर भगवान और मां सरस्वती की नई मूर्तियों को स्थापित करें। इसके बाद दीप को जला लें। इसके बाद सबसे पहले संकल्प लें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान कर लें। इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और मां सरस्वती का स्मरण करें। इसके बाद कलश का ध्यान करें। अब मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए। अब फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ-साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए।

लक्ष्मी मां की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान - देवी लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी और तुलसी मंजरी न डालें। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं। इसी के साथ लक्ष्मी पूजा करते समय कोशिश करें कि दीपक की ज्योत लाल रंग की हो। इसके अलावा दीए को भूलकर भी मां लक्ष्मी के बाईं ओर ना रखें, बल्कि दाईं ओर रखें, क्योंकि भगवान विष्णु को दुनिया में रोशनी फैलाने का प्रतीक माना जाता है और मां लक्ष्मी विष्णु भगवान की पत्नी हैं इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा करते समय दीपक को हमेशा मां के दाईं और ही रखें।

दिवाली पर भूलकर भी घर ना लाए माँ लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति, वरना...

दिवाली पर महंगाई की मार, अब ये चीज हुई महंगी

कल बंद रहेगा शेयर बाजार, फिर भी 1 घंटे होगी ट्रेडिंग

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -