इस तरह करें दिवाली का पूजन, माँ लक्ष्मी होंगी खुश
इस तरह करें दिवाली का पूजन, माँ लक्ष्मी होंगी खुश
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दिवाली का पर्व बहुत ही ख़ास माना जाता है। यह पर्व दीपों का त्योहार है जो आज मनाया जा रहा है। आज मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। आपको बता दें कि आज शाम 5:40 से रात 8:15 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। कहा जाता है शुभ मुहूर्त में ही पूजन करना चाहिए तभी वह फल देने वाला होता है। दिवाली का पर्व बहुत ख़ास माना जाता है और यह हिन्दू धर्म का अहम यानी मुख्य पर्व है। इस पर्व को धूम धाम से मनाने के लिए पटाखे फोड़े जाते हैं। वैसे आज हम आपको बताते हैं प्रकाश के इस पर्व की पूजा विधि। कहा जाता है पूजा विधि के अनुसार ही पूजन किया जाना चाहिए वरना माँ लक्ष्मी रूठ जाती हैं। 

दीपावली पूजन विधि - इसके लिए सबसे पहले आपको पूजा वाली चौकी लेना होगा, उसे साफ करके कपड़ा बिछाना होगा। अब इसके बाद मां लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की प्रतिमा को वहां स्थापित करें। ध्यान रहे मूर्तियों का मुख हमेश पूर्व की ओर होना चाहिए। इसके बाद आप हाथ में थोड़ा गंगाजल ले लें, अब भगवान की प्रतिमा पर निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए छिड़कें।।। अब ''ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्याभंतर: शुचि:।।'' अब जल को अपने आसन और खुद पर भी छिड़कें। इसके बाद धरती मां को प्रणाम करें और आसन पर बैठें, हाथ में गंगाजल लेकर पूजा करने का संकल्प करें। अब जल से भरा कलश लें और मां लक्ष्मी के पास अक्षत की ढेरी रखें।

इसके बाद कलश पर मौली बांध दें और ऊपर आम का पल्लव रखें। अब सुपारी, दूर्वा, अक्षत व सिक्का रखें। अब कलश पर एक नारियल स्थापित करें। ध्यान रहे नारियल लाल वस्त्र में लपेटा होना चाहिए। इसके अलावा उसका अग्रभाग दिखाई देता रहे। आप इसे कलश वरुण का प्रतीक माना गया है। इसके बाद सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा करें। उसके बाद मां लक्ष्मी जी की अराधना करें। ध्यान रहे इस दौरान देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर का भी ध्यान लगाएं। पूजा के दौरान 11 या 21 छोटे सरसों के तेल के दीपक जरूर जला लें और एक बड़ा दीपक भी जलाएं।

इसी के साथ एक दीपक चौकी के दाईं ओर एक बाईं ओर रख दें। अब आप भगवान के बाईं तरफ घी का दीपक जलाकर रखें और फूल, अक्षत, जल व मिठाई उन्हें अर्पित करें। अब इसके बाद अपनी इच्छा के अनुसार गणेश, लक्ष्मी चालीसा पढ़ ले। अब गणेश जी और मां लक्ष्मी की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाकर पूजा संपन्न करें। अब 11 या 21 दीपकों को घर के सभी दरवाजों के कोनों में रख दें। इसके बाद इस बात का ख़ास ध्यान रखे कि पूरी रात पूजा घर में एक घी का दीपक भी जलता रहना चाहिए।

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