नईदिल्ली: इंसान अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए दवाईयों का सहारा लेता है। मगर यहां तो दवाईयां ही इंसान को बीमार करने में लगी हुई हैं, जी हां, यह जानकर आपको कुछ आश्चर्य होगा। हाल ही में अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा मेडिकल प्रोफेशनल्स और डयबिटीज़ के रोगियों को 3 नई दवाईयों को लेकर सचेत किया जा रहा है। जिसमें कहा गया है कि ये दवाईयां एसिडोसिस की बीमारी को बढ़ा सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार आईप टू श्रेणी की दवा के डोज़ से मरीजों को इस तरह की तकलीफ हो सकती है। जिसके चलते मरीज के ब्लड में ऐसिड का लेवल हाई हो सकता है। यही नहीं इस परेशानी के कारण लोगों को अस्पताल में दाखिल होकर अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि इन दवाओं के कारण मरीज को अधिक मुश्किल हो सकती है।
इन तीन दवाओं में टाईप - टू डायबिटीज मेडिसिन कानागिलिफ्लोजिन, डापाग्लिफ्लोजिन और एमपगालिफ्लोजिन के कारण ब्लड एसिड का स्तर हाई हो जाता है। जिसके कारण अस्पताल में दाखिल होने की आवश्यकता होने लगती है।
इन दवाईयों का प्रभाव यह है कि मरीजों में शुगर लेवल कम हो जाता है साथ ही किडनी के फंक्शन भी प्रभावित होते हैं। अधिकांश दवाईयां एक्शन लेने के लिए पाचक ग्रंथी का उपयोग करती हैं, इसे भी ये दवाईयां प्रभावित करती हैं। कई बार इनका प्रभाव अधिक नकारात्मक होता है।