27 जैन और हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी क़ुतुब मीनार में स्थित मस्जिद, आज भी मौजूद हैं भगवान की मूर्तियां
27 जैन और हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी क़ुतुब मीनार में स्थित मस्जिद, आज भी मौजूद हैं भगवान की मूर्तियां
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नई दिल्ली: कुतुब मीनार में मस्जिद के प्रवेश द्वार पर मौजूद भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को हटाने के विवाद पर साकेत कोर्ट ने ASI को निर्देश दिए हैं कि कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में रखी हुई श्री गणेश की प्रतिमाओं को वहाँ से न हटाया जाए। वहीं इस मामले में पहले से ही पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर याचिकाकर्ता ने अपनी नई याचिका में कहा है कि भगवान गणेश की प्रतिमाओं को लेकर नेशनल मॉन्युमेंट ऑथिरिटी (NMA) के दिए सुझाव के अनुसार नेशनल म्यूजियम या किसी दूसरी जगह विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि उन्हें इसी परिसर में हीं पूरे सम्मान के उचित जगह पर रखा जाना चाहिए।

बता दें कि NMA ने गत माह पुरातत्व विभाग को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं- ‘उल्टा गणेश’ और ‘पिंजड़े में गणेश’ को राष्ट्रीय संग्रहालय में ‘सम्मानजनक’ स्थान दिया जाना चाहिए, जहाँ ऐसी प्राचीन वस्तुएँ रखी जाती हैं। वहीं साकेत कोर्ट ने अब ये आदेश दिया है। .दरअसल मस्जिद परिसर के भीतर हिंदू देवताओं की पुर्नस्थापना और पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर याचिका दाखिल करने वालों ने नई याचिका दायर करते हुए अदालत से माँग की थी कि मस्जिद परिसर से गणेश जी की मूर्तियों को नहीं हटाया जाना चाहिए। जिस पर अदालत ने उन्हें वहाँ से न हटाने का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क़ुतुब मीनार के कुव्वत इस्लाम मस्जिद में तीर्थकर ऋषभदेव, भगवान विष्णु, गणेश जी, शिव-गौरी, सूर्य देवता सहित कई हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं आज भी मौजूद हैं। इनमे से अधिकतर मूर्तियाँ परिसर में खंडित अवस्था में पड़ी हुईं हैं। वहीं मस्जिद के बाहर लगे ASI के बोर्ड पर भी स्पष्ट लिखा है कि ये मस्जिद 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषो से निर्मित की गई हैं। इसको लेकर दिल्ली के साकेत कोर्ट में याचिक दाखिल हुई थी। याचिकाकर्ता ने मस्जिद परिसर में मौजूद प्रतिमाओं को ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए वहाँ हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की माँग की थी। बता दें कि जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और भगवान विष्णु को इस केस में याचिकाकर्ता बनाया गया था।

बता दें कि जहाँ एक ओर अभी मस्जिद परिसर के भीतर स्थित देवी देवताओं के पूजा अर्चना के अधिकार की माँग वाली याचिका अभी अदालत में लंबित ही है। वहीं NMA के प्रमुख तरुण विजय ने संस्कृति मंत्रालय को लिखे पत्र में वहाँ मौजूद गणेश जी की प्रतिमाओं को हटाने की माँग की है। 25 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि, 'ये बेहद शर्मनाक बात है कि मस्जिद परिसर के भीतर भगवान गणेश जी की मूर्तियाँ बेहद अपमानजनक स्थिति में रखी गई हैं। एक मूर्ति ऐसे स्थान पर है, जहाँ लोगो के पैर लगते है, वहीं दूसरी जाली में बंद है, उन्हें वहाँ से हटाकर नेशनल म्यूजियम जैसी दूसरी जगह रखा जा सकता है।'

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