राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केस से चिकित्सक भी चिंतित हैं. अधिकतर चिकित्सक का मानना है कि कोरोना से बचाव के नियमों का सर्तकता से पालन नहीं करने, आवागमन बढ़ने व अन्य प्रदेश से दिल्ली आने वालों की वजह से कोरोना के केस बढ़े हैं. कुछ दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रह सकती है, लेकिन हालात नियंत्रण में हैं. उम्मीद है कि पहले जैसी स्थिति नहीं आएगी. इसके साथ ही डॉक्टर एंटीजन जांच की तुलना में आरटीपीसीआर जांच ज्यादा करने की जरूरत बता रहे हैं.
इस बाबत यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने बताया कि कोरोना के मामले बढ़ना चिंताजनक है. इसका कारण एंटीजन जांच अधिक और आरटीपीसीआर जांच कम होना भी है. सिर्फ आरटीपीसीआर जांच होने से अधिकतर मामले पकड़ में आ रहे थे. दिल्ली सरकार द्वारा जांच बढ़ाने का फैसला बिल्कुल उचित है, इसलिए प्रतिदिन 40 हजार सैंपल जांच कराने की क्षमता जल्द बढ़ानी होगी. इसके तहत आरटीपीसीआर जांच अधिक करनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि यह मानकर चलना पड़ेगा कि हर व्यक्ति संक्रमित है, इसलिए मास्क पहनना आवश्यक है. चिकित्सालय में मास्क नहीं पहनने पर दो डॉक्टरों व एक तकनीशियन को तीन दिन के लिए अवकाश पर भेज दिया है. इस तरह की सख्ती हर जगह करनी पड़ेगी. लोगों द्वारा मास्क का उपयोग नहीं करने के कारण भी केस बढ़ रहे हैं.
ये हैं कोविड-19 के बढ़ने के बढ़ने 5 कारण
कोविड-19 से बचाव के नियमों का ठीक से पालन नहीं करना.
शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करना.
लोगों का मास्क का उपयोग कम करना.
अन्य प्रदेशों से दिल्ली में काम के लिए आना, खासकर प्रवासी मजदूरों का आगमन.
एंटीजन जांच ज्यादा और आरटीपीसीआर जांच कम होना, क्योंकि केस तो आरटीपीसीआर से ही पकड़ में आते हैं.
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