आज के समय में देश प्रदेश में बढ़ते जा रहे घटनाओं के किस्से थमने का नाम ही नहीं ले रहे है वही कही न कही कोई न कोई ऐसी घटना सुनने को मिल ही जाती है वही हाल ही में ऐसा ही कुछ फिर सुनने को मिला है राजस्थान के कोटा में ठंड से हो रही नवजात बच्चों की मौत की घटनाओं के बीच देहरादून जिले में भी हालत चिंताजनक हैं. सरकारी आंकड़ों पर विश्वास करें तो जिले में पिछले दो माह में सात बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि निजी अस्पतालों का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं है. दून राजकीय मेडिकल अस्पताल ने सभी डॉक्टरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. उधर, स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी सरकारी और निजी अस्पतालों से इस संबंध में जानकारी देने को कहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर में जिले में तीन और दिसंबर में चार नवजातों की मौत हुई है. जंहा इस बात का खुलासा हुआ है कि इनमें से दिसंबर में तीन बच्चों की मौत निमोनिया से हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक, बाकी बच्चों में जन्म के समय से विभिन्न तरह की दिक्कतें रहीं. फिर भी उनकी डेथ ऑडिट चल रही है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि निजी अस्पतालों में होने वाली नवजातों की मौत का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ऐसे में ठंड में हो रही नवजात की मौतों की असल संख्या कितनी है इसका सटीक आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है. चिंता वाली दूसरी बात यह है कि सरकारी अस्पतालों से भी रोजाना की रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय को नहीं मिल रही है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी का दावा है कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों) तक में न्यू बॉर्न बेबी केयर के लिए सुविधाएं हैं. जंहा निजी अस्पताल को भी नवजातों की मौत के बारे में अपडेट जानकारी देने के लिए सख्ती से निर्देशित किया है.
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