फैनी से निपटने में इसरो का रहा अहम योगदान
फैनी से निपटने में इसरो का रहा अहम योगदान
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भुवनेश्वर : चक्रवाती तूफान फैनी ने शुक्रवार को ओडिशा में अपना कहर बरपाया। यह 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल के खड़गपुर पहुंचा। बंगाल के बाद दोपहर को नादिया और मुर्शिदाबाद जिले से होते हुए यह तूफान बंगाल से बाहर निकलकर बांग्लादेश पहुंचा। ओडिशा में इस तूफान ने जबरदस्त तबाही मचाई, लेकिन भारत की पहले से ही तैयारियों के चलते ज्यादा जान का नुकसान नहीं हुआ। 

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पहले ही लगा लिया था पता 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसरो ने फैनी तूफान के बारे में पहले से ही पता लगा लिया था जिसकी वजह से हजारों जानें बच गई। भारतीय मौसम विज्ञानियों ने एक हफ्ते पहले दक्षिणी हिंद महासागर के पानी में एक बड़ी हलचल का पता लगाया था। जिसके बाद सैटेलाइट से लगातार इसपर नजर रखी गई। जैसे ही ये एक बड़े चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ इसरो ने पांच सैटेलाइट इसी पर केंद्रित कर दिए। 

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इस तरह मिली जानकारी 

जानकारी के मुताबिक ये सैटेलाइट हर 15 मिनट में ग्राउंड स्टेशन को डेटा भेज रहे थे। इसी तैयारी के चलते बड़ा जान-माल का नुकसान होने से बच गया। बताया जाता है की, उपग्रहों इंसेट-3 डी, इंसेट-3 डीआर, स्कैटसैट-1, ओशनसैट-2 और मेघा ट्रॉपिक के डेटा का उपयोग फैनी तूफान के आसपास की तीव्रता, स्थान और क्लाउड कवर का अध्ययन करने के लिए किया गया था। आईएमडी के महानिदेशक ने कहा, पूर्वानुमान लगाने में सैटेलाइट अहम रोल निभाती हैं। विशेष रूप से चक्रवातों के दौरान ये हमारी मदद करती हैं। 

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