क्रिकेटर भी हो रहे है टोटके और अंधविश्वास का शिकार, जानें किस खिलाड़ी ने अपनाया ये तरीका
क्रिकेटर भी हो रहे है टोटके और अंधविश्वास का शिकार, जानें किस खिलाड़ी ने अपनाया ये तरीका
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दुनिया भर के अधिकतर क्रिकेटर अपनी सफलता के लिए मेहनत के साथ ही कई टोटके भी अपनाते रहे हैं. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी इससे बचे नहीं रह सके हैं. 664 इंटरनेशनल मैच, 100 शतक, 34,357 रन बनाने वाले सचिन ने दो दशक से भी ज्यादा समय तक मैदान और प्रशंसकों के दिलों पर राज किया. सचिन ने कई रिकॉर्ड तोड़े और कई ऐसे कीर्तिमान बनाए, जिन्हें तोड़ना लगभग नामुमकिन है. ये सब हुआ उनकी मेहनत और प्रतिभा से पर इस दिग्गज क्रिकेटर ने भी कामयाबी के लिए मेहनत के साथ-साथ टोटकों और अंधविश्वास का दामन थामा था. सचिन भी दूसरे खिलाड़ियों की तरह अंधविश्वासी थे.

सचिन रन बनाने के लिए एक टोटके का हमेशा इस्तेमाल करते थे. सचिन ने पूरे करियर में पहले बाएं पैर पर पैड पहना. यही नहीं साल 2011 विश्व कप में खेलने के लिए उन्होंने अपना लकी बल्ला ठीक कराया. सचिन के पास बल्लों की भरमार थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने वो बल्ला चुना, जिससे वो सबसे ज्यादा रन बनाते थे.

सहवाग को सीट से उठने नहीं दिया: वहीं साल 2011 विश्व कप के फाइनल में सचिन और वीरेन्द्र सहवाग जल्दी आउट हो गए थे. सचिन और सहवाग दोनों ड्रेसिंग रूम में साथ बैठे हुए थे. सहवाग ने सचिन की ओर मुंह किया हुआ था और सचिन मैदान की ओर देख रहे थे. तभी एक चौका लग लगाया. इसके बाद दूसरा चौका लग गया. इसके बाद सचिन ने सहवाग को उस जगह से उठने ही नहीं दिया. यही नहीं सहवाग को उस दौरान बहुत तेज टॉयलेट आई, लेकिन सचिन ने उन्हें फिर भी कहीं नहीं जाने दिया. सचिन का मानना था कि सहवाग का वहां बैठना शुभ है. आखिर में हुआ भी ऐसा ही. धोनी ने छक्का लगाकर टीम इंडिया को 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनाया. एक ओर जहां टीम इंडिया के खिलाड़ी वर्ल्ड कप जीतने के बाद ग्राउंड पर दौड़े, वहीं दूसरी ओर सहवाग टॉयलेट की तरफ भागे.

कुंबले ने भी लिया टोटके का सराहा: दिल्ली के कोटला स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान का टेस्ट मैच उस वक्त अमर हो गया, जब कुंबले ने मैच की दूसरी पारी में पाकिस्तान के सभी 10 विकेट हासिल किये. अनिल कुंबले ने अपनी जबर्दस्त गेंदबाजी से इस बेहतरीन कारनामे को अंजाम दिया, लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए एक अंधविश्वास का सहारा भी लिया. इस मैच में कुंबले जब भी गेंदबाजी के लिये जाते थे तो सचिन ही उनका कैप और स्वेटर पकड़ते थे और फिर मास्टर ब्लास्टर अंपायर को कुंबले की चीजें पकड़ाते थे. जबकि आमतौर पर ऐसा होता है कि गेंदबाज खुद अपनी चीजें अंपायर को देता है लेकिन कुंबले को ऐसा करने से विकेट मिला और उसके बाद हर ओवर में ऐसा ही होने लगा. परिणाम ये हुआ कि कुंबले ने पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया.

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