भोपाल : कोर्ट के आदेश के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को दिल्ली के एक रेस्ट हाउस से बेदखल होना पड़ा है। कोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिया है कि वह 31 दिसंबर के पहले किसी भी हालत में रेस्ट हाउस को खाली कर दें। बताया गया है कि दिल्ली में एम्स के पास स्थित रेस्ट हाउस में बीते कई सालों से प्रदेश सरकार का कब्जा था।
रेस्ट हाउस का उपयोग सरकार न केवल जलसंसाधन विभाग के केन्द्र सरकार में लंबित प्रस्तावों को फालोअप करने में किया करती थी, वहीं सरकारी अधिकारियों भी रूकने में इसका उपयोग किया करते थे। बताया जाता है कि रेस्ट हाउस भवन के मालिक चरणजीत कौर ने कई दिन पहले सरकार से रेस्ट हाउस को खाली करने के लिये नोटिस दे रखा था, बावजूद इसके सरकार ने रेस्ट हाउस को खाली नहीं किया तो फिर कौर ने कोर्ट की शरण ले ली।
जानकारी के अनुसार कौर रेस्ट हाउस को बेचना चाहते है और इसीलिये उन्होंने सरकार से रेस्ट हाउस को खाली करने के लिये कहा था। जानकारी के अनुसार रेस्ट हाउस के एक कक्ष में कार्यालय का भी संचालन होता था, जिसके कर्मचारियों को अब कोर्ट के आदेश के बाद विदिशा स्थित सम्राट अशोक सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री कार्यालय में पदस्थ कर दिये गये है जबकि रेस्ट हाउस की सरकारी सामग्री को भी भोपाल के कोलार में स्थित रेस्ट हाउस में पहुंचाने की तैयारी होने लगी है।
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