नई दिल्ली: पूरा देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti 2021) की 152वीं जयंती मना रहा है. हर कोई इस अवसर पर बापू को अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. इसी क्रम में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भी गांधी जयंती को बेहद खास तरीके से मनाया जा रहा है. गांधी जयंती के अवसर पर आज लेह में हाथ से निर्मित सबसे बड़ा तिरंगा झंडा फहराया गया. इसको लेह में जांस्कर घाटी में लगाया गया है. इस तिरंगे का वजन 1000 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 225 फीट और चौड़ाई 125 फीट है. खादी से निर्मित ये तिरंगा मुंबई की एक प्रिंटिंग कंपनी के सहयोग से बनाया गया है.
सबसे बड़े तिरंगे के अनावरण और गांधी जयंती के कार्यक्रम के अवसर पर सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे और लद्दाख के उपराज्यपाल उपस्थित रहे. ये तिरंगा 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के अवसर पर हिंडन में भी लगाया जाएगा. बता दें कि जांस्कर कारगिल जिले की एक तहसील है जो कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मौजूद है और कारगिल से 250 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 301 पर पड़ती है. ये घाटी लद्दाख से लगभग 105 किलोमीटर दूर है. वहीं जांस्कर रेंज लद्दाख की एक पर्वत श्रृंखला है.
भूवैज्ञानिक रूप से जांस्कर रेंज टेथिस हिमालय का अंग है. जांस्कर रेंज की औसत ऊंचाई तक़रीबन 6,000 मीटर (19,700 फीट) है. इसका पूर्वी भाग रूपशु के नाम से जाना जाता है. जांस्कर को जिला घोषित करने की मांग भी काफी समय से की जा रही है. जांये भारत की उन खूबसूरत जगहों में से एक है, जिसका सौंदर्य हर किसी को आकर्षित करता है. जांस्कर घाटी में बर्फ से ढके पहाड़ों और स्वच्छ नदियों से सजी हुई है. इस घाटी को जहर या जंगस्कर जैसे स्थानीय नामों से भी पहचाना जाता है. सातवीं शताब्दी में जब लद्दाख में बौद्ध धर्म का प्रसार शुरू हुआ, तब जांस्कार घाटी पर भी इसका असर पड़ा और यह बौद्ध धर्म की भक्ति का भी एक केंद्र बन गया.
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