बिलासपुर : जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 106 कर्मचारियों की भर्ती को लेकर यह बात सामने आ रही है कि इस भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा हुआ है। इस मामले में एक बड़े घोटाले की बात सामने आ रही है। तत्कालीन बैंक प्रबंधन द्वारा नियम और कानून को एक ओर रख दिया गया है। बैंक प्रबंधन ने नियम और कानून को ताक पर रख दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बैंक के 5 वर्ष के कार्यकाल में जो भी फर्जीवाड़ा हुआ है उसमें संचालक सहकारी संस्था क निर्देश पर जांच दल का गठन तो हो चुका है लेकिन जांच के दौरान दो दर्जन से भी अधिकारियों को सम्मिलित कर दिया गया है।
दरअसल जांच के दौरान भर्ती का फर्जी मामला भी सामने आया है। हालात ये हैं कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों ने तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के महाविद्यालयों की स्नातक उपाधियों की प्रति आवेदन के दौरान प्रस्तुत की हैं। ऐसे में बैंक के करीब 132 कर्मचारियों और अधिकारियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि बैंक में रेवड़ियों की तरह नौकरियां बांट दी गई थी। जांच दल ने नियुक्ति की फाईलों को जांचा और परखा है। जिसमें इस तरह का भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई है।