कोरोना दवा की प्रतीक्षा भारत समेत पूरा विश्व कर रहा है. रूस के दावे के अनुसार, उसने तो दवा बना ली है, किन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई मुल्क उसकी दवा पर शक जता रहे हैं. इधर भारत भी दवा बनाने के नजदीक पहुंच चुका है. दावा किया जा रहा है कि भारत को इस साल के अंत तक वैक्सीन मिल जाएगी. हालांकि उससे पहले ही सोशल मीडिया पर दावे किए जा रहे हैं कि सितंबर में कोरोना वायरस समाप्त हो जाएगा. आइए जानते हैं इस बारे में जानकार क्या कहते हैं.
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दिल्ली एम्स के चिकित्सक नीरज निश्चल इस बारे में बता हैं, 'सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म की न्यूज पर भरोसा न करें. अगर किसी को कोई भी सूचना चाहिए तो सरकार की पोर्टल पर जाएं. एम्स, आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर सही जानकारी उपलब्ध है. आप प्रसार भारती के किसी भी प्लेटफॉर्म पर विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. वायरस कब समाप्त होगा, इस बारे में अभी किसी ने पुख्ता रूप से कुछ नहीं बताया है.'
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डॉ. नीरज निश्चल कहते हैं कि, 'सभी लोग दवा की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अब दवा आने के पश्चात ही पता चलेगा कि वो कितनी असरकारक होगी. ऐसा नहीं है कि दवा आते ही वायरस समाप्त हो जाएगा. वैक्सीन से खुद को बचा सकते हैं, लेकिन वायरस को मार नहीं सकते. वैक्सीन से केवल बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं.'डॉ. नीरज निश्चल के मुताबिक, 'वायरस से ठीक होने के बाद ही लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है. जो लोग गंभीर रूप से संक्रमित हुए, उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हुआ, उन्हें लेकर थोड़ा संदेह है. कई लोगों में ठीक होने के बाद भी कुछ परेशानी सामने आई है. ऐसे लोग पूरी तरह कब तक ठीक होंगे, यह 6 माह या एक वर्ष पश्चात ही पता चलेगा. इसके अलावा कोविड वार्ड में कई दिन रहने से मानसिक असर भी पड़ता है, उससे उबरने में भी वक्त लग सकता है.
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