अगर प्रणब होते प्रधानमंत्री, तो केंद्र में तो UPA की होती हैट्रिक : खुर्शीद
अगर प्रणब होते प्रधानमंत्री, तो केंद्र में तो UPA की होती हैट्रिक : खुर्शीद
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नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद द्वारा कहा गया कि वर्ष 2004 में प्रधानमंत्री के तौर पर प्रणब मुखर्जी के स्थान पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चयन से केवल कांग्रेस नहीं बल्कि बाहरी लोगों को आश्चर्य हुआ है। इस मामले में कई लोगों ने कहा है कि यदि महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनते तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय नहीं होती।

इस मामले में पूर्व विदेश मंत्री सलमानं खुर्शीद ने अपनी एक पुस्तक द अदर साईड आॅफ द माउंटेन में लिखा है कि बदतरीन घटने के बाद अक्लमंदी दिखना सदैव आसान होता है। उन्हें यह नहीं भूलना होगा कि संपूर्ण देश ने नरसिंह राव सरकार के दौरान दिशा बदल देने वाले वित्तमंत्री के तौर पर डाॅ. मनमोहन सिंह की प्रशंसा की थी।

उनका कहना था कि डाॅ. सिंह द्वारा वर्ष 1999 का लोकसभा चुनाव दक्षिण दिल्ली से उन्होंने लड़ा था। इस हेतु उनके लिए यह देश की लोकसभा सीटों में सबसे सुरक्षित सीट थी। सलमान खुर्शीद द्वारा अपनी एक पुस्तक में लिखा कि यह एक शख्स नहीं बल्कि सारे लोगों की जीवनी ही बताई है। पुस्तक में ऐसे लोगों का उल्लेख किया गया है जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा हैं।

पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद ने कहा है कि प्रारंभिक अनिच्छा के बाद यूपीए - 1 का नेतृत्व करने के लिए सिंह को चुनने हेतु सोनिया गांधी के निर्णय का न केवल स्वागत किया गया बल्कि 5 साल के बाद चुनावी जनादेश से इसे सही साबित किया गया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के द्वितीय कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी ले चुके खुर्शीद द्वारा यह भी कहा गया कि वे खुशकिस्मत हैं कि उन्हें सिंह का विश्वास हासिल हुआ।

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