कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- केवल 62 की जंग नहीं, 67 और 87 भी याद रखे चीन
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- केवल 62 की जंग नहीं, 67 और 87 भी याद रखे चीन
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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि 1962 का युद्ध सबको याद है, किन्तु 1967 और 1987 भी चीन को याद रखना चाहिए. मनीष तिवारी ने कहा है कि, '1962 में हम लोग तैयार नहीं थे और भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा. किन्तु उस जंग में भी कुछ क्षण ऐसे रहें कि भारतीय सेना ने अपना लोहा मनवाया था. 1967 में नाथुला में इंडियन आर्मी ने चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था और 300 से अधिक चीनी सैनिकों को मार गिराया था. नतीजा यह हुआ कि 1967 से लेकर 1987 तक चीन भारत की तरफ देखने का साहस तक नहीं कर पाया.

उन्होंने कहा है कि 1987 में समदोरांग चू और हनामता चू हुआ और उस समय राजीव गांधी देश के पीएम थे, उस वक़्त फिर चीन को मुंहतोड़ जवाब मिला. ऐसे में जो लोग 1962 की बात करते हैं वो 1967 और 1987 भूल जाते हैं कि किस तरह चीन को चारों खाने चित कर दिया था. हमारी आर्मी पूरी तरह से सशक्त है.

मनीष तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि चीन भारत के साथ सरहद का विवाद निपटाना नहीं चाहता है. उन्होंने आगे कहा कि, 'चीन के 18 देशों के साथ बॉर्डर विवाद थे, जिसमें से उसने 16 देशों के साथ इन विवादों का समाधान कर लिया है. कई जगह चीन नें कम भूमि के साथ ही विवादों को विराम दिया है. किन्तु भारत और भूटान के साथ चीन सीमा विवाद को निपटाना नहीं चाहता है.'

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