कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने 'महेश' के नाम पर लिया 8 करोड़ का लोन! कोर्ट ने जारी किया कुर्की का नोटिस
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने 'महेश' के नाम पर लिया 8 करोड़ का लोन! कोर्ट ने जारी किया कुर्की का नोटिस
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इंदौर: मध्य प्रदेश के राऊ से कांग्रेस MLA जीतू पटवारी के नाम को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की नौलखा ब्रांच से वेयरहाउस के लिए सवा आठ करोड़ के संयुक्त लोन में कांग्रेस नेता ने अपना नाम महेश उर्फ जितेंद्र पटवारी लिखाया था। जबकि, 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल नामांकन पत्र में उनका नाम जितेंद्र ही दर्ज है। हालांकि, नामांकन में इस लोन का जिक्र अवश्य किया गया है। लोन के लगभग दो करोड़ वे चुका नहीं पाए हैं। जिसके बाद अदालत ने वेयरहाउस और लोन के लिए बंधक संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर की हातोद तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव अलवासा में वेयरहाउस के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा की नौलखा ब्रांच से 2014 से 15 के बीच तीन किस्तों में 8 करोड़ 15 लाख का संयुक्त लोन लिया गया था। यह लोन लक्ष्य वेयरहाउस एवं पार्टनर्स के नाम पर है। इसके पार्टनर्स में महेश उर्फ जितेंद्र पिता रमेशचंद्र पटवारी, भारत पटवारी, रजनीश पटवारी एवं कुलभूषण पटवारी के नाम दर्ज हैं। लोन में यही लोग जमानतदार भी बनाए गए हैं। लोन का लगभग 2 करोड़ 21 लाख 69 हजार बकाया है। सितंबर 2022 को नॉन परफार्मिंग असेट (NPA) में डालते हुए बैंक ने 11 अक्टूबर 22 को 60 दिन में राशि का भुगतान करने का नोटिस दिया था।

राशि नहीं चुकाने पर संपत्ति का कब्जा दिलाने के लिए बैंक ने अदालत में अर्जी लगाई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लोकेंद्र सिंह ने 2 मार्च 2023 को बैंक को जमानतदारों द्वारा लोन के लिए बंधक रखी गई संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बैंक प्रबंधक ऋषि तलवार का कहना है कि अदालत का आदेश अभी आया है। संपत्ति का भौतिक कब्जा लेने की कार्रवाई नियमों के मुताबिक की जाएगी। 

क्या कहते हैं बैंक के नियम:-

बता दें कि बैंकिंग नियमों के मुताबिक, लोन लेने वाला और जमानतदार एक ही व्यक्ति नहीं हो सकते। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उस पर धारा 420 व 120बी के तहत कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, अगर लोन की रकम के बराबर दूसरी संपत्ति बंधक रखी जाए, तो कुछ मामलों में बैंक उसे जमानतदार बनाने की छूट दे सकती है। लेकिन, अमूमन ऐसा नहीं किया जाता, क्योंकि अगर लोन लेने वाला डूबता है, तो फिर बैंक की वसूली नहीं हो पाती है।

क्या बोले जीतू पटवारी:-

कांग्रेस MLA जीतू पटवारी का इस मामले पर कहना है कि मेरे घर का नाम महेश ही है। परिवार की संयुक्त मालिकाना हक वाली जिस भूमि पर यह वेयरहाउस स्थित है, उसमें मेरा घर का नाम महेश ही दर्ज था। इसलिए वहां (लोन के समय) महेश उर्फ जितेंद्र लिखा। बाद में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया भी पूरी कर चुका हूं। लोन सवा आठ करोड़ का था और एक करोड़ ही शेष थे, जो ब्याज आदि मिलाकर लगभग 2 करोड़ हो गए। जमीन बंधक रखी हुई है, उसकी कीमत 100 करोड़ है। सरकार की नीतियों की वजह से सब्सिडी पर किसानों द्वारा बनाए गए सभी वेयरहाउस डिफाल्टर हो गए हैं। सरकार इनमें गेहूं रख ही नहीं रही है। उन्होंने लोन पर कहा कि, जल्द ही बाकी का लोन भी चुका देंगे।

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