नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरु होने वाला है। इस दौरान खबर है कि कांग्रेस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को लेकर नरमी बरत सकती है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात हुई, जिसके बाद से ही ये संकेत सामने आए है।
10 जनपथ पर हुई इस बैठक में प्रियंका गांधी भी शामिल हुई। उत्तर प्रदेश चुनाव के साथ ही इस मीटिंग में जीएसटी पर समर्थन के संबंध में भी विचार कर रही है। बता दें कि कांग्रेस ने जीएसटी को लेकर तीन मांगे रखी है। पहला जीएसटी पर संवैधानिक संशोधन बिल में ही टैक्स रेट का कैप 18 प्रतिशत निर्धारित किया जाए।
दूसरा, जीएसटी विवादों के निपटारे के लिए प्राधिकरण का गठन हो और तीसरा, उत्पादक राज्यों पर अतिरिक्त एक फीसदी टैक्स को वापस लिया जाए। कांग्रेस द्वारा अपने रुख में नरमी बरतने का कारण हाल में हुई कांग्रेस की हार और राजनीतिक रुप से राज्य सभा में पार्टी का कमजोर होना माना जा रहा है।
सरकार कांग्रेस की शुरुआती दो मांगो के लिए दो ऑप्शन दे सकती है। एक या तो जीएसटी रेट को बिल के सहायक नियमों में शामिल किया जा सकता है या फिर जीएसटी रेट की सीमा को जीएसटी बिल में रखा जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि दो मांगो पर सरकार के साथ हमारी सहमति लगभग बन चुकी है। अब मामला 18 फीसदी कैप का है, अब सरकार जब हमारी राय पूछेगी तब बता देंगे।