वर्ष 1983 की हकीकत से रूबरू करवाएगी ‘क्लास ऑफ 83’
वर्ष 1983 की हकीकत से रूबरू करवाएगी ‘क्लास ऑफ 83’
Share:

“कोई क्या करे यदि वो अपने समक्ष काम करने वालों से बेहतर हो. सिस्टम से बेहतरीन हो. गला घोंट दे वो अपने हुनर का. बन जाए मीडियॉकर किसी 50 करोड़, 100 करोड़ क्लब के सदस्य की भांति. ये प्रश्न स्वयं से मैंने बहुत पूछे. स्वयं को अपनी काबिलियत के लिए कोसा. कोई उपचार कर सकता मेरी काबिलियत का, किसी बीमारी की भांति, तो मैं करवा लेता. इसीलिए अच्छा हुआ कि तुम लोगों ने जो कुछ मुझसे सीखा, कम से कम मेरा खेल खेलने का ढंग नहीं सीखा.” यह संवाद है नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई नई मूवी ‘क्लास ऑफ 83’ के मुख्य भूमिका आईपीएस अधिकारी विजय सिंह का. 

यह स्टोरी वर्ष 1983 की है, जितना वरिष्ठ ये अधिकारी है, उससे अनुमान लग सकता है कि वह आईपीएस में उस काल में भर्ती हुआ होगा, जब भारत में सरकारी तंत्र इतना भ्रष्ट नहीं हुआ था. नेताओं का प्रभाव ब्यूरोक्रेसी पर आना शेष था, तथा देश तब भी एक उज्जवल भविष्य की आशा में था. वही मूवी ‘क्लास ऑफ 83’ की कहानी में जाने से पूर्व वर्ष 1983 का एक किस्सा वास्तव का जानना आवश्यक है. 

ये वही वर्ष है महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स का जब एक ईमानदार पुलिस महानिदेशक अरविंद इनामदार को सूबे की पुलिस के मुखिया पद से हटाकर नासिक की पुलिस अभ्यास अकादमी में भेज दिया गया था. एक प्रकार से उनकी ईमानदारी के ‘इनाम’ के रूप में. ईमानदार ने अपना यज्ञ वहां भी जारी रखा. मुंबई पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा का नाम आपकी स्मृति में तो होगा ही, वह तथा उसके जैसे कुछ और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ईमानदार के ही पढ़ाए हुए हैं. वर्ष था 1983 यानी ‘क्लास ऑफ 83’ हालांकि मूवी के डायरेक्टर अतुल सब्बरवाल अपनी फिल्म की स्टोरी को काल्पनिक ही बताते रहे हैं. इसी के साथ फिल्म बहुत ही शानदार है.

कंगना ने वीडियो जारी कर बताया ट्विटर पर आने का कारण

अक्षय स्टारर फिल्म 'बेल बॉटम' की कहानी आई सामने, सच्ची घटना पर है आधारित

सोनू सूद की प्रवासी रोजगार मुहिम का दिखा प्रभाव, इतने लोगों को मिली अब तक नौकरी

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -