नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर भड़काऊ ट्विटर हैशटैग को रोकने के लिए लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायशीष एसए बोवडे ने कहा कि हम यह कैसे कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप कह रहे हैं कि ट्विटर पर लोग गलत बातें लिख रहे हैं. यह तो ऐसा है कि लोग फोन पर गंदी बातें करते हैं तो क्या MTNL को बंद करने के लिए कहा दिया जाए. हम इस प्रकार के आदेश जारी नहीं कर सकते.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में तबलीगी जमात का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद ट्विटर पर कई किस्म के हैशटैग चलाए गए थे. इसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद देश की सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करके भड़काऊ हैशटैग को रोकने की मांग की गई थी.
पेशे से वकील ख्वाजा एजाजुद्दीन की तरफ से दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया कि ये ट्रेंड #कोरोनावायरसजिहाद, #कोरोनाजिहाद, #निजामुद्दीनईडियट्स, #तबलीगीजमातवायर के तौर पर तैयार किए गए हैं. ये हैशटैग जमातियों के खिलाफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा निर्देशों और धर्म के विरुद्ध है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कह दिया कि ऐसे आदेश जारी नहीं किए जा सकते हैं.
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