पाकिस्तान चीन का उपयोगी साझेदार बना हुआ है
पाकिस्तान चीन का उपयोगी साझेदार बना हुआ है
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बीजिंग : चीनी मीडिया द्वारा यह कहा गया कि वह चीन का अकेला ही साझेदार है। वह एक ऐसा माॅडल स्थापित करता है जिससे समान रणनीतिक और सुरक्षा हितों पर आधारित द्विपक्षीय संबंध द्वारा अनुसरण किया जा सकता है। इस्लामाबाद के ही साथ चीन के द्वारा दिए जाने वाले सहयोग की बात करते हुए एक लेख में मुक्ति संग्राम के बाद अस्तित्व में आए बांग्लादेश के 1972 में संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने के विरूद्ध चीन के वीटो का उल्लेख किया गया है। 'पाकिस्तान चीन का उपयोगी साझेदार बना हुआ है' इस शीर्षक में समाचार पत्र द्वारा कहा गया कि वर्ष 1972 मे चीन ने बांग्लादेश को संयुक्त राष्ट्र में शामिल किए जाने की मनाही की है।

हालांकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के समर्थन में वीटो दिया था। उल्लेखनीय है कि चीन भी पाकिस्तान से अपने सामरिक और कारोबारी हित साधना चाहता है। पाकिस्तान चीन से हथियार खरीदता है। तो दूसरी ओर चीन को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तान का अच्छा साथ मिलता नज़र आया। ऐसे में चीन ने पाकिस्तान और भारत से सटी अपनी सीमा पर पक्का निर्माण कार्य करना प्रारंभ कर दिया।

हालांकि यह बात अलग है कि अब पाकिस्तान इस्लामिक आतंकवाद की पकड़ में है और वहां आतंकी शिविरों का संचालन किया जा रहा है। बांग्लादेश के संदर्भ में बात की जाए तो भारत ने बांग्लादेश से अपनी सीमा निर्धारण का मसला सुलझाया। पाकिस्तान ने अपने पूर्वी भाग से निर्मित बांग्लादेश को वर्ष 1974 में स्वीकार किया था चीन ने इसे 1975 में स्वीकृत किया, जबकि सोवित संघ और अन्य देश नए राष्ट्र बांग्लादेश को मान्यता दे चुके थे। 

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