Jun 12 2016 06:24 PM
नई दिल्ली: एनएसजी समूह के लिए एक बार फिर चीन ने भारत का विरोध किया है. दरअसल अमेरिका तो भारत की सदस्यता के पक्ष में है लेकिन चीन इसका विरोध कर रहा है. इस मामले में चीन ने दावा किया कि 48 देशों के समूह में भारत को शामिल करने को लेकर न्यूजलैंड, टर्की, साउथ अफ्रीका और आॅस्ट्रिया के डिप्लोमेट प्रोटेस्ट दर्ज करवा चुके हैं.
एनएसजी में भारत की एंट्री का विरोध करने वाले देश यह मानते हैं कि इंडियन्स को सदस्य बनाने हेतु न्यूक्लियर वेपन और उन्हें बनाने में उपयोग होने वाले आइटम के फैलाव को रोकने हेतु एनपीटी के नियमों की अनदेखी हो रही है।
चाईना की फाॅरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन हाॅन्ग ली द्वारा कहा गया कि भारत आॅटोमेटिक वेपन विकसित करन में लगा हुआ है. उन्होंने एनपीटी पर किसी भी तरह से हस्ताक्षर नहीं किए हैं, यह बेहद महत्वपूर्ण है. चीन किसी नाॅन सिग्नेट्री कंट्री को एनएसजी में शामिल करने के लिए सभी की स्वीकृति दिए जाने के समर्थन में है. एनएसजी में एंट्री करने का एक लीगल और राजनीतिक तरीका भी है।
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