भारत ने काफी समय पहले अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रांरभ किया था. बता दे कि सितंबर में चांद की कक्षा पर कदम रखने से महज कुछ मिनट की दूरी पर विक्रम लैंडर के संपर्क टूटने के बाद से ऑर्बिटर लगातार चांद के चक्कर लगा रहा है. ऑर्बिटर में मौजूद पेलोड्स ISRO को चांद के सतह की तस्वीरें भेज रहा है, ताकि चांद के वातावरण का अध्ययन किया जा सके. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने नई 3D तस्वीर भेजी है. इस बात की जानकारी ISRO ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल के जरिए दी है. आर्बिटर ने चांद की सतह पर से इस 3D तस्वीर को क्लिक किया है जिसे टैरेन मैपिंग कैमरा 2 के जरिए क्लिक किया गया है.
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अपने बयान में ISRO ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, Chandrayaan-2 के TMC-2 द्वारा क्लिक किए गए क्रेटर 3D तस्वीर पर ध्यान दीजिए. TMC-2 के जरिए 5m स्पेटियल रिजोल्यूशन और स्टीरियो ट्रिपलेट्स (फोर, नादिर और आफ्ट व्यूज) मिलते हैं. इससे पहले भी ISRO ने चंद्रयान-2 से ली गई तस्वीरों को पहले भी ट्वीट कर चुके हैं.ISRO का चंद्रयान-2 मून मिशन कई मायनों में खास रहा है. इस मून मिशन को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, चांद की सतह पर लैंडिंग से महज कुछ मिनट पहले ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था. इसके बावजूद वैज्ञानिक चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर की मदद से चांद की सतह का अध्ययन कर रहे हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह पेलोड एक टैरेन मैपिंग कैमरा है जिसका इस्तेमाल चंद्रयान 1 के समय किया गया था. यह चांद की सतह पर पैनोक्रोमैटिक स्पेक्ट्रल बैंड (0.5-0.8 माइक्रोन) क्षमता के हाई रिजोल्यूशन की तस्वीर क्लिक कर सकता है. यह चांद की कक्षा से 100 किलोमीटर की दूरी से 5 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक की तस्वीर ले सकता है. इसके द्वारा कलेक्ट किए गए डाटा की 3D मैपिंग के जरिए जानकारी इकट्ठा की जा सकती है. इसके अलावा भी चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के साथ कई और पेलोड्स सेंड किए गए हैं.
#ISRO
— ISRO (@isro) November 13, 2019
Have a look of 3D view of a crater imaged by TMC-2 of #Chandrayaan2. TMC-2 provides images at 5m spatial resolution & stereo triplets (fore, nadir and aft views) for preparing DEM of the complete lunar surface.
For more details visit https://t.co/urlZqzg3Gw pic.twitter.com/VBvUeH1L8s
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