वित्त वर्ष 2012 के लिए केंद्र सरकार के नीतिगत उपाय किए जारी
वित्त वर्ष 2012 के लिए केंद्र सरकार के नीतिगत उपाय किए जारी
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केंद्र सरकार भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए कई नीतिगत कदम उठा रही है, जिसमें खराब बैंक की स्थापना और कुछ राज्य द्वारा संचालित बैंकों का निजीकरण शामिल है। सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की संख्या को मौजूदा 12 से घटाकर चार करने की बातचीत चल रही है।

यह सरकार की नई रणनीतिक विनिवेश नीति का हिस्सा होने की संभावना है, जिसमें बीमा क्षेत्र को भी शामिल करने की संभावना है। यह सरकार के विनिवेश लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। आगामी नीति की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसके दायरे में वित्तीय क्षेत्रों का समावेश होगा। हालांकि निजीकरण कार्डों पर है, लेकिन PSB के पुनर्पूंजीकरण को खारिज नहीं किया जा सकता है।

लोगों के अनुसार सरकार पुनर्पूंजीकरण के एक और दौर के साथ आगे बढ़ सकती है, ताकि बैंकों को महामारी के बीच एक मजबूत बफर बनाने में सक्षम बनाया जा सके। पिछले साल Niti Aayog ने तीन बैंकों के निजीकरण का सुझाव दिया - पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, लोगों के अनुसार। इसके अलावा, नई नीति के तहत बैंकों में हिस्सेदारी की बिक्री की बात सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय के बाद 1 अप्रैल, 2020 को लागू हुई। विनिवेश की योजना महामारी की चपेट में आ गई है।

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