देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया है और वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। बीते 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे (IAF Helicopter crash) में जनरल रावत का निधन हो गया। हालाँकि अपने निधन से एक दिन पहले जनरल रावत ने एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था, इसमें उन्होंने साल 1971 की जंग में जीत की बधाई दी थी और इसी के साथ ही इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी दी थी। उनका यह आखिरी वीडियो मैसेज साल 1971 युद्ध के 50 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे 'स्वर्णिम विजय पर्व' में दिखाया गया। जी दरअसल इसी कार्यक्रम के लिए उनका ये वीडियो 7 दिसंबर को रिकॉर्ड किया गया था, जबकि 8 दिसंबर को हुए दुखद हादसे में उनका देहांत हो गया।
#WATCH Late CDS General Bipin Rawat's pre-recorded message played at an event on the occasion 'Swarnim Vijay Parv' inaugurated today at India Gate lawns in Delhi. This message was recorded on December 7.
— ANI (@ANI) December 12, 2021
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/trWYx7ogSy
मिली जानकारी के तहत इस वीडियो में जनरल रावत ने कहा था, 'स्वर्णिम विजय पर्व के अवसर पर मैं भारतीय सेना के सभी बहादुर जवानों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजय पर्व के तौर पर मना रहे हैं। मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।' इसी के साथ स्वर्णिम विजय पर्व के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने आगे बताया था, '12 से 14 दिसंबर तक इंडिया गेट पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ये बड़े सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति की लौ की छांव में आयोजित किया जा रहा है, जोकि हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी। हम सभी देशवासियों को इस विजय पर्व के जश्न में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं। अपनी सेनाओं पर हमें है गर्व, आओ मिलकर मनाएं विजय पर्व। जय हिंद।'
आप सभी को बता दें कि आज स्वर्णिम विजय पर्व के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'जनरल रावत के निधन से एक बहादुर सैनिक, सलाहकार और जिंदादिल इंसान को खोया है। वो इस विजय पर्व के आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित थे। कई बार इस कार्यक्रम के स्वरूप को लेकर उन्होंने मुझसे चर्चा की थी। इसलिए मुझे उनकी कमी काफी महसूस हो रही है।' इस दौरान उन्होंने बताया कि पहले इस कार्यक्रम को बहुत ही भव्य तरीके से मनाने की तैयारी थी, लेकिन जनरल रावत समेत 13 लोगों की मौत के बाद इसे सादगी से मनाने का फैसला लिया गया है।
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