जानिए आखिर क्यों सऊदी अरब ने तब्लीगी जमात पर लगाया प्रतिबंध
जानिए आखिर क्यों सऊदी अरब ने तब्लीगी जमात पर लगाया प्रतिबंध
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सऊदी अरब ने तब्लीगी जमात को आतंकवाद के द्वारों में से एक बताते हुए उस पर रोक लगा दी है . सऊदी इस्लामी केसों के मंत्रालय ने मस्जिदों को शुक्रवार के धर्मोपदेश के बीच लोगों को तब्लीगी जमात साथ जुड़ने के विरुद्ध चेतावनी देने का एलान भी का दिया है. देश के इस्लामी  केसों के मंत्री ने सोशल मीडिया पर सुन्नी इस्लामी संगठन को आतंकवाद के द्वारों में से एक कहते हुए इस पर बैन  लगाने की घोषणा की है और बोला है कि तब्लीगी जमात समाज के लिए खतरा है.

सिलसिलेवार ट्वीट्स में मंत्रालय ने बोला है, ‘डॉ अब्दुल्लातिफ अल-अलशेख मस्जिदों और उन मस्जिदों के प्रचारक जिसमें शुक्रवार की नमाज अस्थायी रूप से होने वाली है. उन्हें अगले शुक्रवार के धर्मोपदेश को 6/5/1443 AH को के विरुद्ध चेतावनी देने के लिए बोला है गया है.’ इसके अतिरिक्त, मंत्रालय ने निर्देश दिया कि धर्मोपदेश में निम्नलिखित विषय शामिल किए गए हैं. इन विषयों के बारे में लोगों को बताना है.

1. इस समूह का भटकाव, झुकाव एवं खतरा और ये आतंकवाद के द्वारों में से एक है. भले ही ये ऐसा नहीं होने के दावे करता हो.
2. तब्लीगी जमात की सबसे प्रमुख गलतियों का उल्लेख कीजिए.
3. उल्लेख करें कि तब्लीगी जमात समाज के लिए खतरा हैं.
4. एक बयान दिया जाए कि सऊदी अरब में (तब्लीगी और दावा समूह) सहित पक्षपातपूर्ण समूहों के साथ जुड़ाव बैन है.

इंडिया में हुई थी तब्लीगी जमात की स्थापना: तब्लीगी जमात का मतलब ‘विश्वास फैलाने के लिए समाज’ है. जिसकी स्थापना 1926 में इंडिया में की गई थी. ये मुसलमानों को धार्मिक रूप से रहने के तरीके को कहते हुए. खासतौर पर ड्रेसिंग, व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों के संबंध में. तब्लीगी जमात के विश्वभर में 40 करोड़ सदस्य होने की सम्भावना है.

बिना अनुमति के बड़ी तादाद में लोगों को जमा करने का लगा था आरोप: बीते वर्ष  कोविड महामारी की शुरुआत होने पर देशभर में इस संगठन की खासा वार्ता हुई. इस बीच जमात पर कथित रूप से कोविड फैलाने का इल्जाम लगाया गया था.  जिसके अतिरिक्त तब्लीगी जमात पर इल्जाम लगाया गया था इसने बिना अनुमति के बड़ी तादाद में लोगों को दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज में इकट्ठा कर लिया. बड़ी तादाद  में संगठन के लोग मरकज में इकट्ठा हुआ थे, जिसमें से कई विदेशी भी थे. कोविड के मध्य इस तरह से भीड़ इकट्ठा होने से डर का माहौल पैदा हो गया था.

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