'रेलवे में नौकरी चाहिए, तो अपनी जमीन हमें दो..', लालू यादव के खिलाफ CBI चलाएगी मुकदमा
'रेलवे में नौकरी चाहिए, तो अपनी जमीन हमें दो..', लालू यादव के खिलाफ CBI चलाएगी मुकदमा
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पटना: बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ती हुईं नज़र आ रहीं हैं। नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में केंद्र सरकार ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी है। CBI ने शुक्रवार (13 जनवरी) को सरकार की अनुमति से संबंधित दस्तावेज़ को एक विशेष अदालत में जमा किया। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी है कि एजेंसी द्वारा दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी से केस चलाने की मंजूरी विशेष अदालत के लिए एक शर्त है।

बता दें कि CBI ने गत वर्ष 7 अक्टूबर को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में नौकरी देने के बदले रिश्वत के तौर पर लोगों की जमीन लेने का केस दर्ज किया था। CBI की एक स्पेशल कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में एजेंसी ने लालू यादव और उनके परिवार के साथ-साथ मध्य रेलवे की पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन, पूर्व रेलवे CPO कमल दीप मैनराई, नियुक्त 7 उम्मीदवारों और 4 व्यक्तियों को भी नामजद किया है। CBI प्रवक्ता ने बताया है कि, 'जाँच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के CPO के साथ साजिश रचते हुए जमीन के एवज में उनके या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को रेलवे में नियुक्त किया।'

चार्जशीट में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी देने के एवज में लोगों से जमीन रिश्वत के तौर पर ली गई थी। इन जमीनों का अधिग्रहण सर्किल रेट से कम और मार्केट रेट से बहुत कम रेट पर किया गया था। ये जमीनें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों भारती एवं हेमा यादव के नाम पर रजिस्टर कराई गई थी। बता दें कि जिस वक़्त यह घोटाला हुआ था, उस वक़्त लालू प्रसाद यादव केंद्र की कांग्रेस सरकार में रेलमंत्री थे। उस वक़्त नौकरी के देने एवज में लालू प्रसाद यादव के परिजनों को पटना में लगभग 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित की गई थी।

इस घोटाले में बगैर विज्ञापन निकाले रिश्वत देने वाले अभ्यार्थियों को महज 3 दिनों के भीतर रेलवे में नौकरी दे दी गई थी। यही नहीं, इन उम्मीदवारों ने नौकरी के लिए झूठे स्थानांतरण प्रमाण पत्र का उपयोग किया है और रेल मंत्रालय में झूठे प्रमाणित कागज़ात भी जमा कराए थे। इस मामले में CBI ने मई माह में लालू यादव और उनके परिजनों के दिल्ली और पटना के 16 ठिकानों पर रेड मारी थी। पटना में जांच एजेंसी के अधिकारियों ने राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें गठित की गई। दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से CBI के SP और DSP स्तर के अफसरों ने पूछताछ की थी।

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