लखनऊ: CBI की विशेष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आगे की सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत ने 8 मई को विशेष अदालत को 31 अगस्त तक मुकदमे की कार्यवाही ख़त्म करने का निर्देश दिया है। पहले यह ट्रायल 20 अप्रैल तक पूरा किया जाना था, किन्तु कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर अदालतों को बंद करने की वजह से ऐसा नहीं किया जा सका।
विशेष सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा लॉकडाउन के चलते कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई और इसलिए यह फैसला लिया गया। इस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, उमा भारती और वीएचपी नेता चंपत राय बंसल आरोपित हैं। अदालत ने उन सभी अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनको सीबीआई ने प्रोड्यूस्ड किया था।
इस दाैरान बचाव पक्ष ने जिरह के लिए तीन अभियोजन पक्ष के गवाहों को बुलाने के लिए शुक्रवार को एक आवेदन दाखिल किया, क्योंकि 2016-17 में उनके बयान दर्ज किए जाने पर उनसे जिरह नहीं की गई थी। आवेदन को लेते हुए, विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने बचाव पक्ष से उन विशिष्ट प्रश्नों की फेहरिस्त पेश करने के लिए कहा, जिन पर वह इन अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करना चाहते थे। कोर्ट 18 मई को इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।
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