सीबीआई ने काला धन विदेश भेजने के मामले में 2 बैंक अधिकारियो को हिरासत में लिया
सीबीआई ने काला धन विदेश भेजने के मामले में 2 बैंक अधिकारियो को हिरासत में लिया
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नई दिल्ली : बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शाखा के जरिए 6,172 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अवैध रूप से विदेश भेजने के मामले में गिरफ्तार दो बैंक अधिकारियों को बुधवार को दो दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली के अशोक विहार में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के सहायक प्रबंधक सुरेश कुमार गर्ग और विदेशी मुद्रा इकाई के प्रमुख जयनीश दुबे को गिरफ्तार किया था। इन्हें विशेष न्यायाधीश पी.के. जैन की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को 16 अक्टूबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने कहा कि इस पूरे मामले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेना उसके लिए जरूरी है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों अधिकारियों को बैंक ने निलंबित कर दिया है। सीबीआई अदालत को यह नहीं बता सकी कि आरोपियों ने कौन-सा अपराध किया है। इस पर न्यायाधीश ने एजेंसी को हिदायत दी कि किसी को गिरफ्तार करने से पहले अच्छे सबूत जुटाने चाहिए। एजेंसी को पता करना चाहिए कि आरोपी का अपराध क्या है। अदालत ने कहा कि किसी को भी हड़बड़ी में नहीं गिरफ्तार करना चाहिए।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय को जानकारी दिए बगैर धन का स्थानांतरण होने दिया। बैंक ने खुद ही अवैध धन स्थानांतरण की शिकायत दर्ज कराई है। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से 6,172 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अवैध रूप से हांगकांग भेजी गई है। धन का स्थानांतरण 59 बैंक खातों के जरिए हांगकांग और दुबई स्थित कंपनियों को फर्जी आयात-निर्यात के लिए किया गया। सीबीआई ने अदालत से कहा कि इन 59 बैंक खातों के धारकों का पता नहीं चल रहा है। इन दोनों से पूछताछ में पता चलेगा कि इस साजिश में कौन-कौन शामिल है।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार करने से पहले आरोपियों को 2-3 बार बुलाया गया, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। इसलिए जरूरी है कि इन्हें एजेंसी की हिरासत में सौंपा जाए ताकि इनसे साजिश के बारे में पूछताछ हो सके। बचाव पक्ष के वकील बिजेंद्र सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल गर्ग ने जनवरी 2015 में क्षेत्रीय कार्यालय को लिखकर खातों में गड़बड़ी के बारे में बताया था।

उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी नौ अक्टूबर से हिरासत में हैं। सीबीआई को पूछताछ के लिए काफी समय मिल चुका है। आगे पूछताछ के लिए रिमांड में देने की जरूरत नहीं है। सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, जांच में पता चला कि 50 कंपनियों ने बैंक रिकार्ड के लिए फर्जी पते दिए थे। बैंक अधिकारियों से पूछताछ में पता चला है कि कुछ कर्मचारियों ने इन कंपनियों के लिए बिचौलियों की भूमिका निभाई है।

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