नई दिल्ली: फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को उनकी खोजों के लिए प्रदान किया गया, जिसने कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम बनाया। बता दें कि, हर साल नोबेल श्रृंखला में सबसे पहले फिजियोलॉजी या मेडिसिन नोबेल की घोषणा की जाती है, जिसमें छह पुरस्कार शामिल होते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडिश आनुवंशिकीविद् स्वंते पाबो ने मानव या होमो सेपियन्स के विलुप्त रिश्तेदारों निएंडरथल और डेनिसोवन्स के आनुवंशिक विश्लेषण में अपने अग्रणी काम के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2022 का नोबेल पुरस्कार जीता। उन्हें "विलुप्त होमिनिन के जीनोम और मानव विकास से संबंधित उनकी खोजों के लिए" पुरस्कार मिला। पाबो के काम से विज्ञान की एक नई शाखा का विकास हुआ जिसे पेलोजेनोमिक्स या विलुप्त प्रजातियों का आनुवंशिक अध्ययन कहा जाता है। उन्होंने पहले से अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की भी खोज की। होमिनिन्स मनुष्य के विलुप्त पूर्वज हैं।
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2021 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से डेविड जूलियस और अर्डेम पटापाउटियन को "तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की उनकी खोजों" के लिए दिया गया था। उनकी खोजों से अतिरिक्त तापमान-संवेदन रिसेप्टर्स की पहचान हुई, जो कई शारीरिक प्रक्रियाओं और रोग स्थितियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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