नेत्रहीनों ने चुना एक दूसरे का साथ, सरकार ने बढ़ाया हौंसला
नेत्रहीनों ने चुना एक दूसरे का साथ, सरकार ने बढ़ाया हौंसला
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भोपाल : क्या दो नेत्रहीन जीवन के सफर पर साथ रह सकते हैं। क्या उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती है। लेकिन ऐसा मध्यप्रदेश में हुआ है। अब तक कहा जाता रहा है कि मध्यप्रदेश घोटाले का प्रदेश है लेकिन यह बात तब गलत साबित हुई जब केवल 7 दिन में नेत्रहीन दंपति को रोजगार दे दिया गया। यही नहीं इन्हें अस्थाई नौकरी मिल गई। इनके लिए घर के साथ कृषि यंत्र के लिए राशि भी स्वीकृत कर दी गई। 

मिली जानकारी के अनुसार ये दंपति बड़वानी से भोपाल पहुंचे। वल्लभ भवन पहुंचने के बाद जब इन्होंने नौकरी के लिए आवेदन दिया तो यह फाईल 7 दिन में अपने अंजाम तक पहुंच गई। मामले में यह बात सामने आई कि 35 वर्ष की विद्या और 24 वर्ष के प्रवीण ने जीवन का सफर एक साथ प्रारंभ किया। दरअसल एसडीएम संतोष वर्मा ने न्यायालय की सहायता से गायत्री मंदिर में इनका प्रेम विवाह करवाया।

दंपति बड़वानी के झिरी गांव से 14 अगस्त को यात्रा पर निकला। ऐसे में किसी ने इन्हें वल्लभ भवन का रास्ता बता दिया। फिर क्या था उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने उनसे मुलाकात की और फिर उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के पास उन्हें भेज दिया।

नेत्रहीन दंपती द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पत्र भी सौंप दिया गया। कक्षा 12 वीं तक अध्ययन करने वाले प्रवीण को अतिथि शिक्षक की अस्थायी नौकरी दे दी गई वहीं उन्हें कृषि यंत्रों के लिए 20 हजार रूपए और घर के लिए 70 हजार रूपए स्वीकृत कर दिए गए। 

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