बिहार DSP ने दिया केजरीवाल सरकार को झटका, ACB ज्वाइन करने से किया इंकार
बिहार DSP ने दिया केजरीवाल सरकार को झटका, ACB ज्वाइन करने से किया इंकार
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच जारी विवाद मंगलवार को उस समय और गहरा गया, जब उपराज्यपाल ने दिल्ली की भ्रष्टाचार-निवारक शाखा (एसीबी) में बिहार के छह पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि एसीबी का संचालन उनके अधिकार, नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन आता है।

जंग की आपत्ति पर दिल्ली की आप सरकार ने उन पर तीखे प्रहार किए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जंग पर आरोप लगाया कि वह राजधानी में शासन को मजाक बना रहे हैं और दिल्ली के लोगों के भारी जनादेश का मजाक उड़ा रहे हैं। वहीँ दूसरी और बिहार के डीएसपी संजय भारती ने दिल्ली में एसीबी ( एंटी करप्शन ब्यूरो) ज्वाइन कर ने से इनकार कर दिया है. बाकि के पांच पुलिस वालों ने समय से पहले ही ऑफिस ज्वाइन कर लिया. एंटी करप्शन ब्यूरो में बिहार के छह पुलिस वालों को जगह मिली है.

उल्लेखनीय है कि राजधानी में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच ठनी हुई है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार और एसीबी के पास पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करने का पूर अधिकार है। उन्होंने जंग पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जंग को कहा गया है कि उनका काम यही है कि वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को काम करने से रोकें। यह घोषणा मीडिया में आई उन खबरों के प्रतिक्रिया स्वरूप की गई, जिनमें कहा गया था कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने बिहार पुलिस के छह अधिकारियों को एसीबी में नियुक्त किया है।

उपराज्यपाल के कार्यालय ने बिहार पुलिस के अधिकारियों के नियुक्ति को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए फैसले से असहमति जताई और अपना पक्ष रखा। जंग के कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पुलिस संस्था होने के नाते एसीबी का संचालन उपराज्यपाल के अधिकार, नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन है। उपराज्यपाल के अधिकारों को गृह मंत्रालय ने 21 मई को अधिसूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया था। बयान में कहा गया है कि दिल्ली के बाहर के पुलिस अधिकारियों की एसीबी में नियुक्ति को लेकर किसी तरह का प्रस्ताव उपराज्यपाल को अबतक नहीं मिला है। जंग ने कहा कि उन्हें इस मामले से अवगत नहीं रखा गया।

राजभवन से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, "दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग से उपराज्यपाल को आधिकारिक रूप से प्रस्ताव मिलने के बाद मामले की गहनता से जांच की जाएगी।" वहीं मनीष सिसोदिया के कहा "दिल्ली सरकार और एसीबी के पास पुलिस अधिकारियों को देश के किसी भी हिस्से से पुलिसकर्मी नियुक्त करने का पूर अधिकार है।" आप प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, "हमारे पास उत्तर प्रदेश और हरियाणा के प्रतिनियुक्त अधिकारी भी हैं। क्या बिहार के अधिकारियों की नियुक्ति गुनाह है?" 

आप नेता आशुतोष ने मीडिया से कहा, "ऐसा लगता है कि अगर ओबामा (अमेरिका के राष्ट्रपति) को किसी मामले की जांच करनी हो तो उन्हें भी दिल्ली के उपराज्यपाल से आज्ञा लेनी होगी।" 21 मई को जारी गृहमंत्रालय की अधिसूचना में एसीबी के अधिकार क्षेत्र में भी कमी की गई थी। इसमें कहा गया था कि एसीबी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। आप सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

न्यायालय ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने तीन सप्ताह के भीतर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कहा कि एसीबी में अधिकारियों की नियुक्ति उसके अधिकार क्षेत्र में आती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप सरकार की आलोचना की। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल को निशाना बनाते हुए कहा, "सरकार चलाना एक गंभीर काम है। कृपया इसे करें।"

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