कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव के लिए हुआ मतदान यह दर्शाता हैं कि किस तरह हिंसा और रक्तपात, राज्य में चुनावी राजनीति का लगभग एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। 8 जून की देर शाम तक 13 मौतों के साथ चुनाव के ऐलान के बाद से अब तक मरने वालों की तादाद 33 तक पहुंच गई है।
#WATCH कल BSF, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी। जहां भी तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से मतदान हुए। कल सुबह 11 बजे 59,000 ट्रूप्स उपलब्ध थे। 61,636 पोलिंग बूथ में से 4,834 संवेदनशील पोलिंग बूथ घोषित हुए हैं, यह डाटा हमें मीडिया के माध्यम से मिला है। जो संवेदनशील… pic.twitter.com/mLWke6r4N7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2023
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई भारी हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने कहा कि पंचायत चुनाव गणतंत्र का त्यौहार नहीं, बल्कि मौत का त्यौहार हैं। भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग काला दिवस बन गया। 7 घंटे में 15 लोगों की हत्या हुई। दोपहर के बाद मतगणना केंद्रों से पीठासीन अधिकारी ही भाग निकले, काफी जगह पुलिस खुद सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए वोट करा रही है। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के DIG सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा है कि कल मतदान के दौरान BSF, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी। जहां भी तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से वोटिंग हुई। कल सुबह 11 बजे 59,000 ट्रूप्स मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि, 61,636 पोलिंग बूथ में से 4,834 संवेदनशील पोलिंग बूथ घोषित हुए हैं, यह जानकारी हमें मीडिया के जरिए मिली है। DIG सुरजीत सिंह ने आगे कहा कि जो संवेदनशील पोलिंग बूथ होते हैं, उस पर प्राथमिकता दी जाती है, इन पोलिंग बूथों पर बंगाल के प्रशासन (DM-SP) द्वारा बताए जाने पर हमारे बलों की तैनाती की गई थी। हमारे पास पोलिंग बूथ की सूची अभी तक नहीं आई है। हमने बंगाल चुनाव आयोग को इसे लेकर पत्र भी लिखा, पत्र का जवाब हमें मिला, जिसमें सिर्फ 61,636 पोलिंग बूथ होने की जानकारी दी गई जबकि संवेदनशील बूथ के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
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