चरमपंथी विचारधारा भारत में अपनी जड़े जमाने में असफलः अमेरिका
चरमपंथी विचारधारा भारत में अपनी जड़े जमाने में असफलः अमेरिका
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वॉशिंगटन: भारत एक ऐसा देश है, जहां बड़ी तादाद में मुसलमान रहते है। इस पर अमेरिकी ओबामा प्रशासन का कहना है कि देश में जमीन तैयार करने के लिए चरमपंथी समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे धन पर नजर रखने के लिए भारत के साथ संवाद करने में अमेरिका सफल रहा है।

आगे ओबामा प्रशासन ने आंतकी समूहों का विरोध करने के लिए भारतीय मुसलमानों की तारीफ की। दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि भारत में मुस्लिम समुदाय ने ऐसे प्रयासों का व्यापक तौर पर प्रतिरोध किया है।

वह सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्यों के समक्ष बोल रही थीं। सीनेटर क्रिस मर्फी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमने भारत में देखा है कि चरमपंथी विचारधारा अपनी जड़ें जमाने में सफल नहीं रहा है। लेकिन मर्फी ने खाड़ी देशों से बढ़ते निवेश पर चिंता जाहिर की और कहा कि सउदी अरब द्वारा कुछ बड़े निवेश किए जाने की खबरें है।

इसके साथ ही वहाबी मूवमेंट द्वारा पूरे भारत में स्कूलों और मदरसों का बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की भी खबर है। बिस्वाल ने कहा कि अमेरिका बारीकी से ऐसे निवेश पर नजर रख रहा है और भारत तथा विश्व में वैश्विक नेटवर्क की पहुंच को लेकर वह काफी चिंतित है। उन्होने कहा कि खुद भारतीय भी ऐसे निवेश पर नजर बनाए हुए है, जो खाड़ी देशों से आ ऱही है।

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