उत्तराखंड / रूद्रपुर : बेन के बाद भी मैगी के कारण लोगो की जान को खतरा बना हुआ है। नेस्ले इंडिया की उत्तराखंड, रूद्रपुर शाखा में ठेके पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली है। गौरतलब है कि 13 दिन पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नेस्ले के लोकप्रिय इन्सटेंट नूडल्स उत्पाद मैगी के उत्पादन और बिक्री पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तरप्रदेश के बरेली जिले से ताल्लुक रखने वाले 32 साल के लालता प्रसाद पिछले 2 साल से रुद्रपुर के स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन उत्तराखंड लिमिटेड में काम करते थे। मृतक की पत्नी को अपने पति द्वारा आत्महत्या करने के बारे में उस समय पता चला जब सोमवार को पत्नी के बार-बार खटखटाने के बावजूद उसने अंदर से कमरा नहीं खोला। दरवाजा तोड़ कर देखने पर लालता प्रसाद का शव कमरे में पंखे से लटकता मिला।
मृतक के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा दो बच्चे भी हैं। लालता प्रसाद की ही तरह नेस्ले की इस प्लांट में काम करने वाले 1,100 अन्य मजदूरों की नौकरी अदालत के आदेश के बाद चली गई है। लालता प्रसाद पिछले कुछ समय से नौकरी चले जाने के कारण गहरे अवसाद की स्थिति में थे। पुलिस ने बताया कि वह इस मामले के अन्य पहलूओं की भी जांच कर रहे हैं। पता चला है कि मृतक का अपने परिवार से भी कोई विवाद चल रहा था। मैगी के उत्पादन और बिक्री पर पिछले दिनों हुए विवाद के बाद से ही रोक लगी हुई है। मैगी के कुछ सैंपल्स फूड सेफ्टी टेस्ट के मापदंडों पर खरे नहीं उतरे थे। इसके बाद ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सरकार से इस विषय में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस मामले में 20 जून को सुनवाई होनी है।