'बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ को तोड़कर बनाया गया..', सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान पर क्या बोलीं मायावती ?
'बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ को तोड़कर बनाया गया..', सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान पर क्या बोलीं मायावती ?
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लखनऊ: 28 जुलाई 2023 को समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि हिंदू पवित्र स्थल बद्रीनाथ मूल रूप से एक बौद्ध मंदिर था। उन्होंने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में विवादित ढांचे के प्रस्तावित ASI सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था कि, ''क्या अब आपको आस्था का मुद्दा याद आ रहा है? क्या दूसरों का विश्वास, विश्वास नहीं है? इसीलिए हमने कहा था कि किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे, इसलिए 15 अगस्त 1947 को किसी भी धार्मिक स्थल की स्थिति पर विचार करके किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सत्य को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ एक बौद्ध मठ था, उसके बाद इस बद्रीनाथ धाम को हिंदू तीर्थस्थल बना दिया गया, यह सच है।”

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा, ''अगर पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए। इनमें से अधिकतर मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं।” स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान का उत्तराखंड में व्यापक विरोध हुआ है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी टिप्पणी की आलोचना की। वहीं, बदरीनाथ धाम को लेकर सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने कड़ा विरोध किया। 

सीएम धामी ने कहा कि, ''पृथ्वी पर वैकुंठ धाम यानी करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र श्री बद्रीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी नेता की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा 'महाठगबंधन' के सदस्य के रूप में दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की राष्ट्र-विरोधी और धर्म-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। यह सोच इन पार्टियों के भीतर व्याप्त सिमी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) विचारधारा के प्रभुत्व को भी उजागर करती है।” सीएम धामी ने कहा, ''वह जिस गठबंधन का हिस्सा हैं, उसके लिए इस तरह के बयान देना स्वाभाविक है। ये लोग तुष्टिकरण में विश्वास रखते हैं। उनका नाम स्वामी है। कम से कम उन्हें ऐसा बयान देने से पहले सोचना चाहिए।”

वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती ने भी बद्रीनाथ को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ''समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ समेत कई मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं और आधुनिक सर्वेक्षण अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का ही क्यों न हो बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी हो, पूरी तरह से राजनीतिक बयान है नये विवादों को जन्म दे रहा है।” बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि, ''बद्रीनाथ धाम करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। समाजवादी पार्टी का चरित्र सदैव हिंदू विरोधी रहा है। वे हिंदुओं के धर्मस्थलों को विवादित दिखाने की कोशिश करते हैं।' सपा नेता का बयान निंदनीय है। 

बदरीनाथ धाम को लेकर सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने कड़ा विरोध किया। महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव डॉ। ब्रिजेश सती ने कहा कि मौर्य को पहले पढ़ाई करनी चाहिए, उसके बाद अपना ज्ञान बांटना चाहिए। महापंचायत ने कहा, ''स्वामी प्रसाद मौर्य धर्म की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। चार धामों में बद्रीनाथ प्रमुख धाम है, जिसे मोक्ष का धाम भी कहा जाता है। यह धाम बौद्ध धर्म के अस्तित्व में आने से पहले से ही प्रसिद्ध है। आदि गुरु शंकराचार्य पाँचवीं शताब्दी में थे। बद्रीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार उनके द्वारा किया गया था।”

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