राजस्थान में राजनीतिक खिंचतान में भूचाल लाने वाले फोन टेपिंग केस में गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी थी. इसके तीन दिन बाद राजस्थान गवर्नमेंट ने मंगलवार को जवाब तलब किया है. गृह विभाग, एटीएस और पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने यह विशेष रिपोर्ट तैयार की है. केंद्र को भेजे गए जवाब में बताया गया की फोन टेपिंग में प्रदेश सरकार की किसी भी प्रकार की भूमिका नहीं है. गृह सचिव ने फोन टेपिंग की कोई इजाजत नहीं दी.
आंध्र प्रदेश: राजधानी अमरावती के लिए दो टुकड़ों में टुटा बीजेपी
बता दे कि मुख्य सचिव और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी फोन टेपिंग केस पर अनभिज्ञता होने की बता कही हैं. गृह सचिव ने अपनी ओर से फोन टेपिंग की स्वीकृति नहीं दी. गृह सचिव को भी इस बात की सूचना नहीं है, कि फोन टेपिंग हुई. केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गये जवाब में बताया गया है, कि फोन टेपिंग में गवर्नमेंट पूरी प्रक्रिया की पालना करती है. गृह सचिव से इजाजत लेने के बाद ही पुलिस फोन टेप करती है.
केरल कस्टम अफसरों ने महिला यात्री के पास से बरामद की 24K की सोने की जंजीर
विदित हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले पर प्रदेश सरकार से दस से अधिक बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. एमएलए की खरीद-फरोख्त को लेकर ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार पर फोन टेपिंग को लेकर प्रश्न उठने लगे थे. जिसके बाद गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव को समन जारी कर जवाब मांगा था. समन में कहा गया था कि मंत्रालय को शिकायत प्राप्त हुई है. जिसके अनुसार संजय जैन की फोन टेपिंग नियमों के विरूध्द हुई है. यह भी पूछा था कि फोन टेपिंग किन नियमों के अनुसार की गई. जैन को इस ऑडियो केस में दलाल माना गया और वह अभी हिरासत में है.
इंडस्ट्री में 20 साल पूरे होने पर इस तरह सेलिब्रेट करेंगी प्रियंका