नई दिल्ली : वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन करने वाली आर्ट ऑफ लिविंग पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल द्वारा लगाए गए 5 करोड़ जुर्माना पर आर्ट ऑफ लिविंग का कहना है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी राशि का इंतजाम नहीं हो पाएगा, इसके लिए कुछ समय चाहिए। ऑर्ट ऑफ लिविंग ने 4 सप्ताह का समय मांगा है। इस पर एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग को राहत देते हुए आज 25 लाख रुपये जमा करवाने को कहा है। जुर्माने की बाकी राशि अगले तीन हफ्तों में देने का आदेश दिया गया है।
एनजीटी ने भी साफ किया है कि यह राशि जुर्माना नहीं बल्कि बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने के लिए वसूली जा रही है। एनजीटी सुनवाई के दौरान ऑर्ट ऑफ लिविंग से पूछा कि क्या यह सच है कि आपने इस जुर्माने की रकम को चुकाने से इंकार किया है। इस पर एनजीटी ने कहा कि श्री श्री रविशंकर के स्तर का व्यक्ति जब इस तरह के बयान देता है, तो समाज में बुरा संदेश जाता है।
इसके अलावा श्री रविशंकर के कार्यक्रम को लेकर राज्यसभा में ज़ोरदार हंगामा हुआ. सदन में जनता दल (यूनाइडेट) के शरद यादव ने कहा कि श्री रविशंकर ने जुर्माना देने से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने पूछा, "क्या वो सिस्टम से ऊपर हैं।" उन्होंने श्री रविशंकर को जेल पहुँचाने की मांग की।
गौरतलब है कि आज से इस कल्चरल फेस्ट की शुरुआथ हो रही है, जिसमें 155 देशों से कुल 35 लाख लोग शामिल हो रहे है। एऩजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने को चुकाने का भी आज आखिरी दिन है। यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग के 35 वें साल गिरह के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।